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    मैरी कॉम ने शनिवार को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित ओलम्पिक क्वालीफायर की ट्रायल्स के 51 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में निकहत जरीन को मात देकर चीन में होने वाले क्वालीफायर का टिकट कटा लिया। मैच के बाद हालांकि छह बार की विश्व विजेता मैरी कॉम को कथित तौर पर निकहत के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए देखा गया।

    निकहत मैच हारने के बाद जब मैरी कॉम से हाथ मिलाने गईं तो मैरी कॉम ने इससे मुंह फेर लिया और बाद में संवाददाताओं से कहा, “मैं क्यों उनसे हाथ मिलाऊं? अगर वह चाहती हैं कि उनका सम्मान किया जाए तो उन्हें भी दूसरों का सम्मान करना चाहिए। मुझे इस तरह के स्वाभाव वाले लोग पसंद नहीं हैं। आप अपनी बात रिंग में साबित करें न कि रिंग के बाहर।”

    मैच के बाद मैरी कॉम मीडिया से बात करने में भी चिंढ़ी हुई दिखीं। उन्होंने कहा कि वह उनकी और निकहत के बीच के विवाद को लेकर काफी परेशान पहले ही हो चुकी हैं।

    राज्यसभा सांसद ने कहा, “यह काफी हो चुका। अगर आपको मेरा इंटरव्यू लेना है तो आपको बेवजह के सवाल नहीं करने चाहिए। यह पहली बार नहीं है। मैंने निकहत को पहले भी कई बार मात दी है। मुझे विवाद पसंद नहीं हैं। मैं सिर्फ आने वाले मुकाबलों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहती हूं और अपने देश के लिए पदक जीतना चाहती हूं। आप रिंग के अंदर साबित करो, बात खत्म।”

    मैरी कॉम ने कहा कि उन्होंने हमेशा भारतीय मुक्केबाज महासंघ (बीएफआई) का चयन प्रक्रिया का पालन किया है। उन्होंने कहा, “विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण और रजत पदक जीतने वालों को ट्रायल्स की जरूरत नहीं होती। बीएफआई ने जो कहा मैंने उसके लिए हां कहा था।”

    मैरी ने विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था लेकिन बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह बाद में कहा था कि वह सीधे ओलम्पिक क्वालीफायर में जाएंगी। इससे निकहत आहत हो गईं थीं और उन्होंने खेल मंत्रालय को पत्र भी लिखा था। निकहत के इस कदम को मैरी कॉम ने शनिवार को गलत बताया।

    उन्होंने कहा, “जो भी बीएफआई ने कहा था, मैं उस पर राजी हो गई थी। वह लोग नियम बनाते हैं। उन्होंने मंत्री को पत्र क्यों लिखा। मैं भी इस बात पर हैरान थी कि अजय सर ने ऐसा क्यों कहा। ट्रायल हों या ना हों मैं हमेशा से तैयार हूं।”

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