भारतीय महिला खिलाड़ी और अपने आप में एक साहस कि परिभाषा मैरी कॉम ने एशिया बॉक्सिंग चैंपियनशिप को अपने नाम कर लिया है। मैरी कॉम एशिया बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में दक्षिण कोरिया की प्रतिद्वंद्वी किम ह्यांग को 5-0 से हराकर उन्होंने यह खिताब अपने नाम किया। मैरी कॉम ने 48 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया है। आपको बता दें मैरी कॉम ने मैच में कुछ इस प्रकार का प्रदर्शन किया कि कोई फाइनल कि बजाए साधारण मैच हो, उन्होंने अपनी विरोधी खिलाडी को बिल्कुल बेअसर करते हुए आसानी से मैच और चैंपियनशिप पर कब्ज़ा किया। मैरी कॉम के अलावा एक और भारतीय महिला खिलाड़ी सोनिया लाथेर (57 किलो) को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
दरअसल, लगभग एक साल बाद अन्तर्राष्ट्रीय खेल में वापसी कर रही भारतीय महिला खिलाडी मैरी कॉम का अपना एशिया बक्सिंग चैंपियनशिप का पहला मैच खेलने के बाद उनका कहना था कि “शुरुआत में मैं थोड़ा घबराई हुई थी, लेकिन जैसे ही मैंने रिंग में कदम रखा, वो घबराहट चली गई, यह शानदार जीत थी क्योंकि मैं एक साल बाद रिंग में वापसी कर रही हूं”। उन्होंने आगे अपनी विरोधी खिलाडी की तारीफ करते हुए कहा कि “वह अच्छी मुक्केबाज हैं। उन्हें हराने के लिए मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ खेल खेलना था। शुरुआत अच्छी रही। मुझे उम्मीद है कि मैं इस शुरुआत को जारी रखूंगी”।
आपको बता दें मैरी कॉम का यह 5वां अन्तर्राष्ट्रीय स्वर्ण पदक है इससे पहले भी वह छह बार आयोजित हुए एशिया बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच चुकीं है और बस एक ही बार ऐसा हुआ है जब उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा, इसके विपरीत उन्होंने 2003, 2005, 2010 और 2012 में स्वर्ण पदक आपने और आपने देश के नाम किया। उनका इस प्राकर का प्रदर्शन देख भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने मेरी कॉम की तारीफ करते हुए कहा कि “मेरीकाम का स्वर्ण भारत की महिला शक्ति की जीत है. तीन बच्चों की मां ने दिखा दिया कि मन में लगन हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है. मैं पूरी टीम को बधाई देता हूं”।
मरी कॉम खेल जगत में सिर्फ अपने खेल के लिए ही नहीं बल्कि अपने कभी ना हार मानने वाले साहस के लिए भी मशहूर है। बॉलीवुड में उनकी ज़िंदगी के ऊपर एक फिल्म भी बन चुकी है जिसमें अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने अपने शानदार अभिनय से मनो मैरी कॉम को परदे पर ज़िंदा ही कर दिया हो।