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    फ्रांस के राष्ट्रपति

    राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रॉन ने ब्रिटेन के नवनिर्वाचित प्रधानमन्त्री को अगले कुछ हफ्तों में फ्रांस की यात्रा करने का न्योता दिया है। अल्यसी पैलेस में एक अधिकारी ने कहा कि “जॉनसन को गुरूवार को की गयी कॉल में मैक्रॉन ने उन्हें फ्रांस की यात्रा का आमंत्रण दिया था।”

    फ्रांस आगमन का आमंत्रण

    अधिकारी ने बताया कि “कॉल में मैक्रॉन ने बोरिस जॉनसन को प्रधानमन्त्री बनने की बधाई दी थी और ब्रिटेन-फ्रांस द्विपक्षीय संबंधों, यूरोपीय और अंतरराष्ट्रीय मामलो में सहयोग पर जोर दिया था।” जॉनसन ने गुरूवार को ब्रितानी सांसदों से कहा कि “उन्होंने ईयू से समझौते पर दोबारा बातचीत न करने की स्थिति पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। इस समझौते को पूर्व प्रधानमन्त्री थेरेसा मे ने मुकम्मल किया था और जॉनसन ने इसे अस्वीकार किया था।

    उन्होंने कहा कि “अगर ऐसा नहीं होता है तो वह ब्रिटेन को ईयू से बगैर किसी समझौते के अलग कर लेंगे। साथ ही इससे समबन्धित अपनी योजना की तैयारियों के जारी होने के बाबत बताया था।” ब्रेक्सिट की आखिरी समयसीमा 31 अक्टूबर है और इस तारीख तक डील या नो डील, ब्रिटेन को ईयू से बाहर निकलना है।

    यूरोपीय संघ ने जॉनसन के आग्रह को ख़ारिज कर दिया है। ईयू के उभरते नेताओं में से एक इम्मानुएल मैक्रॉन भी है और ब्रिटेन को जल्द अलग होते हुए देखने के लिए भी इच्छुक है। बगैर डील के ब्रिटेन के अलग होने से ईयू की स्थिरता और अखंडता पर कोई खतरा नहीं होगा।

    मैक्रॉन के आमंत्रण से अलग जॉनसन इस माह फ्रांस में आयोजित जी-7 की बैठक में जा सकते हैं जो समुन्द्र के किनारे बसे शहर बिअर्रित्ज़ में 24-26 अगस्त को आयोजित होगी।

    जॉनसन के कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व को जीतने के साथ ही ब्रितानी राजनीति का एक अध्याय शुरू हुआ हैं और उन्होंने अधिकारिक तौर पर थेरेसा मे की जगह ली है। जॉनसन ने तीन महीने के कार्यकाल में ब्रेक्सिट को मुकम्मल करने का संकल्प लिया है जो पूर्व प्रधानमन्त्री मे तीन सालो में नहीं कर सकी थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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