एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमन्त्री गैस्टन ब्राउन ने बुधवार को आश्वस्त किया कि “भगोड़े डायमंड कारोबारी मेहुल चोकसी का प्रत्यार्पोँ भारत को जल्द किया जायेगा, जब देश में सभी याचिकाओं पर कार्यवाही कर लेंगे।”
उन्होंने कहा कि “मैं आपको आश्वस्त करता हूँ कि सभी याचिकाओं की कार्यवाही पूरी होने के बाद चोकसी को भारत के सुपुर्द कर दिया जायेगा। भारत में उसके खिलाफ जो भी आरोप है उसके लिए उन्हें भारत जल्द भेज दिया जायेगा। यह सिर्फ समय का मामला है।”
प्रधानमन्त्री ने कहा कि “देश चोकसी को रखने में कोई रूचि नहीं रखता है क्योंकि उसने देश के मूल्यों को कायम नहीं रखा। भारतीय विभागों को चोकसी से पूछताछ के लिए एंटीगुआ और बारबुडा आने का अधिकार है। वे आ सकते हैं और अगर वह चोकसी से पूछताछ करना चाहते हैं तो कर सकते हैं। इस मामले का मेरी सरकार के साथ कोई लेना देना नहीं है।”
ब्राउन ने कहा कि “यह बेहद अफ़सोसजनक है कि चोकसी को भारतीय अधिकारियो ने एक व्यक्ति एक तौर पर अच्छा कहा और बादमे बताया कि वह एक धोखेबाज़ है। इस मामले में हमारे अधिकाई भारत की सूचना के आधार पर कार्य किया था और उन्हें नागरिकता दी थी। भारतीय विभागों को इस स्थिति के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”
चोकसी और नीरव मोदी एक साल पहले देश छोड़कर भाग गए थे, दोनों पंजाब नेशनल बैंक में दो अरब की धोखादडी के आरोपों को झेल रहे हैं। चोकसी को एंटीगुआ और बारबुडा ने 15 जनवरी 2018 को मुल्क की नागरिकता प्रदान की थी। 17 जून को चोकसी ने मुंबई हाई कोर्ट में एक याचिका दायर किया था कि वह एंटीगुआ के नागरिक है और पीएनबी मामले की जांच में सहयोग करने के इच्छुक है।