पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी ने के राजू द्वारा संपादित पुस्तक ‘द दलित ट्रुथ – बैटल फॉर रियलाइजिंग अंबेडकर विजन’ का विमोचन जवाहर भवन नयी दिल्ली में किया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा- यह देश का कर्ज है मेरे ऊपर इसलिए मैं देश को लगातार समझने की कोशिश में जुटा हूं। हालांकि देश ने मुझे बहुत जूते भी मारे, मुझे दर्द भी हुआ पर मैं जानता हूं कि देश मुझे सिखाना चाहता है इसलिए मैं देश को समझने की कोशिश करता हूं।
उन्होंने 2016 ऊना में मारपीट की घटना के शिकार हुए दलित परिवारों से मिलने गए गुजरात की अपनी यात्रा को साझा किया।
उन्होंने वी डी सावरकर पर लिखी एक किताब के एक पंक्ति का हवाला दिया। जिसमें यह कहा गया है कि सावरकर और उनके दोस्त उस दिन सबसे ज्यादा खुश थे जब उन दोनों ने एक एक मुस्लिम को मारा था।
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती को मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव दिया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। क्योंकि वह केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों के दबाव में थी।
उन्होंने कहा, ‘आपने देखा होगा कि मायावती ने चुनाव नहीं लड़ा। हमने मायावती को सन्देश भेजा था कि गठबंधन का आप मुख्यमंत्री बन जाए। उसने बात भी नहीं की। कांशी रामजी का मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में दलितों की आवाज को जगाने के लिए खून-पसीना दिया। यह और बात है कि कांग्रेस को नुकसान हुआ लेकिन आज मायावती कह रही हैं कि मैं उस आवाज के लिए नहीं लड़ूंगी। उसने खुला रास्ता दे दिया। क्यों? सीबीआई, ईडी, पेगासस। लड़ाई केवल जनता लड़ सकते हैं।
उन्होंने कमजोर हो रही देश की संवैधानिक संस्थाओं को मजबूत करने की भी बात कही। वह बोले कि अगर हमारे संस्थान कमजोर हुए तो देश भी कमजोर हो जाएगा। एक बार फिर उन्होंने आरएसएस और भाजपा पर तंज कसा।