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    मैरी कॉम

    देश की राजधानी दिल्ली में चल रही 10वीं एआईबीए महिला विश्व चैम्पियनिशप में एमसी मेरीकोम सहित तीन और खिलाड़ियों ने इस प्रतियोगिता में अपने कांस्या पदक पक्के कर लिये हैं। इसी तरह भारतीय मुक्केबाज स्टार खिलाड़ी एमसी मेरीकॉम ने विश्व चैंपियनशिप में अपने नाम सबसे ज्यादा 7 पदक पक्के कर लिए हैं।

    भारत ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनयशिप में सबसे ज्यादा मेडल 2006 में अपने नाम किये और उसके बाद भारत की झोली में 2008 मे 4 मेडल आए थे। मेरीकॉम ने चीन की यू वू को क्वार्टरफाइनल मुकाबले में 5-0 से हराकर अपने नाम विश्व प्रतियोगिता में 7 मेडल पक्के कर लिए हैं।

    मेरीकॉम को अपने आगे आने वाले मैच में उत्तरी-कोरिया की किम हियांग से भिड़ना हैं, मेरीकॉम उन्हें पिछले साल खेले गए एशियाई चैंपियनशिप में हरा चुकी हैँ।

    इस साल भारत की तरफ से अपना डेब्यू कर रही लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), सोनिया (57 किग्रा) सिमरनजीत कौर (64 किग्रा) ने भी अंतिम चार में प्रवेश कर अपना कांस्य मेडल पक्का कर लिया हैं।

    लवलीना जो की असम के गोलाघट की रहने वाली है उन्होनें वेल्टरवेट डिविजन में दिन की सबसे प्रभावशाली जीत अपने नाम की। उन्होनें 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया की केय स्कार्ट को हराकर सेमीफाइनल के मुकाबले में अपनी जगह पक्की कर ली हैं। लवलीन ने ऑस्ट्रेलिया की केय स्कार्ट को 5-0 से मात दी थी।

    जीत के बाद मीडिया से बात करते हुए लवलीना ने कहा कि मैंने केय स्कार्ट के खिलाफ जो रणनीति बनाई थी वह सारी मेरे काम आयी और मैं सेमीफाइनल में प्रवेश कर चुकी हूं, इसलिए मैं खुश हूं लेकिन मेरा निशाना गोल्ड पर हैं तो मैं अपनी इस जीत का ज्यादा जश्न नहीं मनाना चाहती। लवलीना को अपना अगला मुकाबला चीनी ताइपे चेन निएन-चिन से हैं लवलीना ने कहा कि मैंने इससे पहले उनके खिलाफ खेला हैं लेकिन मुझे उसमें हार का सामना करना पड़ा क्योंकि उस समय एक अच्छी मुक्केबाज नही थी।

    वही दादरी की रहने वाली सोनिया ने भी 57 किग्रा में कोलंबिया की जेनी कास्टेनाडा को हराकर अपने मेडल पाने के सपने को बरकरार रखा। 21 साल की सोनिया का यह पहला विश्व महिला मुक्केबाजी चेंपियनशिप हैं। उन्होनें इस रोमांचक मैच के आखिरी राउंड में कोलंबिया की जेनी कास्टेनाडा को 4-1 से मात दी।

    मैच के बाद मीडिया से बात करते हुए सोनिया ने कहा की मैनें एक अनुशासित तरीके से मैच को खेला और मुझे अपने इस पहले टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल को अपने नाम करना हैं। सोनिया को अपने अगले मुकाबले में उत्तर कोरिया की एशियन चैंपियशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाली सोन हवा जो से भिड़ना हैं।

    वही सिमरनजीत कौर नें भी 64 किग्रा में आयरलैंड की एमी ब्राडहसर्ट को 3-0 से मात देकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली हैं।

    लेकिन जीत के साथ ही भारत की चार महिला मुक्केबाजों का सफर मंगलवार को खत्म होता दिखा। जिसमें मनीषा मौन 54 किग्रा, भाग्यवती काचरी (81 किग्रा), पिंकी रानी (51 किग्रा) और सीमा पूनिया 81 किग्रा को हार का सामना करना पड़ा।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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