भारत की अनुभवी खिलाड़ी एमसी मेरीकॉम और सरिता ने भारत की तरफ से विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारतीय टीम का नेतृत्व किया। दोनों ही बॉक्सर अपनी किलो ग्राम वर्ग में गोल्ड जीतने की दावेदार हैं, और उनकी आंखे 2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक में मेडल लाने के लिए टिकी हुई हैं।
मैरीकॉम अब तक बाक्सिंग में पांच बार विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप जीत चुकी हैं। इस बार वह 48 किलो ग्राम वर्ग में खेलेंगी। वह भारतीय टीम की तरफ से अपना छठा महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप जीतने की प्रबल दावेदार बताई जा रही हैं। उनका कहना है कि भारत में हो रही इस प्रतियोगिता से उन्हें बहुत खुशी हैं।
मेरीकॉम का कहना है कि हमारी सभी बाक्सरो को पहले राउंड में बहुत कड़ी टक्कर मिलने वाली हैं, लेकिन हमें अपने अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद हैं।
60 किलो ग्राम वर्ग में खेल रही सरिता ने कहा मैनें यहा तक पहुचनें के लिए कड़ी महेनत की हैं। मुझे मेडल मिलने की पूरी उम्मीद हैं। वह इससे पहले चार बार ऐशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीत चुकी हैं। उनका कहना है कि मेरे लिए यह टूर्नामेंट बहुत मायने रखता हैं ,और मुझे किसी भी कीमत पर यहा मेडल लेकर आना हैं।
इससे पहले जब भारत में 2006 में विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप हुई थी तो इंडिया की बॉक्सिंग टीम ने 4 गोल्ड, 3 सिल्वर, 1 ब्रांज मैडल के साथ मेडल टैली में टॉप स्थान प्राप्त किया था। देश की राजधानी में यह बॉक्सिंग प्रतियोगिता दूसरी बार होने जा रही हैं।
भारत की ओर से मैरी कॉम (49), रानी पिंकी (51), सोनिया (57), सरिता देवी (60), लवलीना बोगोर्हेन (69), स्वीटी (75), सीमा पूनिया (81 प्लस), मनीषा (54), सिमरनजीत कौर (64) और भाग्यवती काचारी (81) अपनी-अपनी किलो ग्राम में खिताब जीतने के लिए उतरेंगी।