भारत की स्टार मुक्केबाज मेरीकॉम नें उत्तर कोरिया की एमआई हियांग को 5-0 से हराकर विश्व बॉक्सिंग टूर्नामेंट के फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली हैं। तो वही लवलीना बोर्गोहेन (69 किग्रा) को अपने सेमीफाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा।
लवलीना बोर्गोहेन को सेमीफाइनल मुकाबले में हार के बाद कांस्य पदक से ही संतुष्ट रहना पड़ेगा। लवलीना को ताइपे के चेन निएएन चिन से 4-0 से हार का सामना करना पड़ा और इसी के साथ उनके गोल्ड पदक जीतना का सपना भी टूट गया।
मेरीकॉम 48 किग्रा को अपना आखिरी और फाइनल मुकाबले में शनिवार को यूक्रेन की हन्ना ओखोटा के खिलाफ भिड़ना हैं, उन्होनें इसी साल पोलेंड में हुए बॉक्सिंंग टूर्नामेंट में अपनी विपक्षी खिलाड़ी हन्ना ओखोटा को हराया था। अगर मेरीकॉम फाइनल में गोल्ड जीत जाती है, तो वह क्यूबा के पुरुष मुक्केबाज फेलिक्स सावन के साथ बराबरी कर लेंगी, उनके नाम अबतक 6 गोल्ड औऱ एक सिल्वर है जो की पुरुष बॉक्सिंग में सबसे सर्वश्रेष्ठ हैं।
मेरीकॉम ने इस बॉक्सिंग टूर्नामेंट मे 5 गोल्ड और एक सिल्वर मेडल के साथ शुरुआत की थी। मेरीकॉम ने अपना अाखिरी गोल्ड मेडल 2010 बॉक्सिंग टूर्नामेंट में जीत था। इस चैंपियशिप से पहले मेरीकॉम आयरलैंड की केटी टेलर 6 मेडल के साथ उनकी बराबरी में थी।
अपने क्वार्टरफाइनल मुकाबले में मेरीकॉम ने केटी टेलर को हराकर कहा था कि मैनें इससे पहले पिछले साल एशियाई बॉक्सिंग टूर्नामेंट में केटी को हराया था और इस मुकाबले मुझे उनको हराना में कोई परेशानी नही हुई, लेकिन जीत औऱ हार खेल के पहलू है, और हर खिलाड़ी इससे कुछ ना कुछ सीखता हैं।
मेरीकॉम ने अपने सेमीफाइनल मुकाबला जीतने से बात करते हुए कहा कि, मैं खुश हू कि मैने फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली हैं। सेमीफाइल मुकाबले में उत्तर कोरिया की एमआई हियांग को 5-0 से हराने के बाद कहा कि मेरी विपक्षी खिलाड़ी मुझसे कद बड़ी और बेहद खतरनाक थी, और बड़े कद के खिलाड़ियो को बॉक्सिंग खेलने में फायदा मिल जाता हैं क्योंकि उससे वह आसानी से काउंटर अटैक लगाने में सफल हो जाते हैं। लेकिन जब में रिंग में उतरती हूं तो मैं नहीं देखती की मेरे खिलाफ कौन खड़ा हैं।
मेरीकॉम को अपने आखिरी मुकाबलें में यूक्रेन की हन्ना ओखोटा से भिड़ना है। जिनको मेराकॉम ने इसी साल पोलेंड में खेले गए सिलिसियन इंटरनैशनल टूर्नामेंट में मात दी थी, और उनका कहना हैं कि मुझे आशा हैं कि मैं उसे दोबोरो हरा पाउंगी।