भारत की स्टार मुक्केबाज खिलाड़ी एमसी मेरीकॉम ने गुरूवार को कहा कुछ कोचों को देश में प्रचलित डोपिंग खतरे के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए क्योंकि वे एथलीटों को “गलत तरीके” से नेतृत्व करते हैं। 2012 की ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और छह बार विश्व चैंपियन रह चुकी ने राष्ट्रीय प्रहरी, नाडा द्वारा लगाए गए डोपिंग रोधी जागरूकता प्रशिक्षण के दायरे में कोचो को लाने की वकालत की। 36 साल की मैरी जो छह बार विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम कर चुकी है उन्होने एंटी-डोपिंग के नेशनल कॉन्फ्रेंस समारोह पर कहा ” हमें कोचो को भी चीजे सीखाने की जरूरत है। उन्हें प्रतिबंधित पदार्थों के बारे में प्रशिक्षण देते हुए भी जागरूक करना होगा।”
खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर की उपस्थिति में उन्होने कहा, “दुर्भाग्यपूर्ण, कुछ कोच अपने खिलाड़ियो को सही तरीके नहीं से लेते है।” पदक जीतने के लिए प्रतिबंधित पदार्थों के उपयोग में एथलीटों के साथ हाथ में दस्ताने पहने और बाद में सरकार से वित्तीय पुरस्कार भारतीय खेलों में प्रसिद्ध हैं, लेकिन कुछ ने सार्वजनिक रूप से अपने विचार प्रसारित किए हैं।
उन्होने आगे चुटकी लेते हुए कहा, ” कुछ ऐथलीट हर चीज तुरंत प्रभाव से पाना चाहते है। वह सफलता को हासिल करने के लिए कठिन-परिश्रम नही कर सकते इसलिए हुए प्रतिंबंधित ड्रग्स का उपयोग करते है।” मुझे अपने आप पर गर्व है कि मैं अपने पूरे करियर में एक साफ एथलीट रही हूं। ऐसा इसलिए है क्योंकि नाडा के लोग हर समय मेरे पीछे रहते है।”
मनिपुरी खिलाड़ी ने कहा वह हर समय अलर्ट रहती है और सारी दवाईया अपने डॉक्टर के साथ सलाह करने के बाद लेती है। ” मैं जब थोड़ा भी अस्वस्थ महसूस करती हूं मैं कही भी हूं मैं अपने डॉक्टर से पूछ कर दवाई का सेवन करती हू। चाहे मुझे थोड़ा बुखार या ठंड भी हो, क्योंकि आज कल की दवाईयो में भी कुछ ऐसा नशीले पदार्थ है जो किसी को भी मुश्किल में डाल सकते है।”