भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी अभी हाल में मुसलमानों पर दिए बयान पर विवाद थमा ही था कि मेनका एक और विवादों में पड़ती नजर आ रही हैं। उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर से उम्मीदवार मेनका गांधी ने इसौली विधानसभा में एक भारी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह वोटों के आधार पर गांवों ए, बी, सी, डी कैटगरी में बांट देंगी और चुनाव प्रतिशत के अनुसार विकास कार्य करेंगी। उन्होंने कहा उन गांवों में जहां हमें 80 प्रतिशत वोट मिलेंगे उसे ए कैटगरी मेंं, जिस गांवों में 60 प्रतिशत वोट मिलेंगे उसे बी कैटगरी में, जिस गांवों में 50 प्रतिशत से कम वोट मिलेंगे उसे सी कैटगरी में और जहां 50 प्रतिशत से कम वोट मिलेंगे उसे डी कैटगरी में रखेंगे। उन्होंने मतदाताओं से समर्थन की अपील करते हुए कहा कि मैं सभी गांवों को ए कैटगरी में देखना चाहती हूं।
हाल ही में, मेनका गांधी ने एक रैली में बयान दिया था कि, अगर में मुसलमानों के बिना समर्थन के जीतती हूं और उसके बाद वह मेरे पास किसी काम के लिए आते हैं तो मेरा रवैया भी वैसा ही होगा। मैं जीत रही हूं, उसमे कोई दो राय नही हैं।लेकिन मेरी जीत मुसलमानों के बिना होगी तो मुझे अच्छा नही लगेगा। मैं दोस्ती का हाथ लेकर आई हूं तो आप को भी आगे आना होगा। इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने मेनका को नोटिस भी भेजा था।
इस पर बासपा प्रमुख मायावती ने पलटवार करते हुए ट्वीट कर कहा, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी द्वारा वोटरों को धमकाने के बाद आब उत्तर प्रदेश के सीएम द्वारा सभा के दौरान काले झंडे दिखाय जाने पर जिंदगी भर बेरोजगार रह जाने की खुली धमकी भाजपा का अहंकार नही बल्कि इनका घोर जनविरोधी रवैया हैं, जिसे चुनाव में परास्त कराने की जरूरत हैं।