महाराष्ट्र विधानसभा ने हाल ही में मराठियों के लिए राज्य में 16% का आरक्षण रखा है। उनके इस कदम के बाद अब विपक्ष ने मांग की है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अब मुस्लिमो के लिए भी कुछ प्रतिशत आरक्षण रखें। इस बात के जवाब में फडणवीस ने कहा कि उसके लिए पहले मुस्लिमो को खुद को पिछड़े वर्ग में घोषित करना होगा।
विपक्षी पार्टिया ख़ास कर के कांग्रेस और एनसीपी ने तो राज्य में ‘ढांगरा’ समुदाय के लिए भी आरक्षण पर सवाल उठाया है। सोमवार को हो रही इस राज्य विधानसभा मीटिंग में, विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा-“हम चाहते है कि सरकार मुस्लिमो के पक्ष में खड़ी होकर उनके लिए भी आरक्षण रखें और मराठियों और ढांगरा समुदाय के लोगो के लिए आरक्षण की रिपोर्ट के ऊपर बातचीत करे।”
विपक्ष की खड़ी की इस चुनौती पर फडणवीस ने जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष अल्पसंख्यकों को भटकाने की कोशिश कर रहा है।
उनके मुताबिक, “राज्य की पिछली शिव सेना-भाजपा सरकार ने मुस्लिमो के 52 पिछड़ी जातियों को आरक्षण दिया था। आरक्षण देने के लिए, जातियों को पहले पिछड़े वर्ग में खुद को घोषित करना होगा। जिसके लिए उन्हें ‘स्टेट बैकवर्ड क्लास कमिशन’ के पास जाना होगा और कमिशन की रिपोर्ट, सरकार के बंधन में बंधी होती है।”
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, विपक्षी पार्टियों का जवाब देते हुए, फडणवीस ने ये भी कहा-“हमारी सरकार मुस्लिम धर्म के पिछड़े समुदाय के लिए शिक्षात्मक लाभ पहुंचा रही है। कांग्रेस और एनसीपी के लिए, मुस्लिम केवल वोटबैंक हैं और उन्होंने उनकी हिफाज़त के लिए कभी नहीं कोई चिंता नहीं की।”