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    चीन का राष्ट्रीय ध्वज

    चीन शिनजियांग प्रांत में मुस्लिम अल्पसंखयकों के उत्पीड़न की आलोचनायें झेल रहा है। चीन ने बताया कि 15 नवम्बर, गुरूवार को 15 विदेशी राजदूतों ने देश के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के अधिकारों के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार को एक पत्र लिखा था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुन्यिंग ने मीडिया से मुखातिब होकर कहा कि यदि कूटनीतिज्ञ शिनजियांग प्रांत के स्थानीय विभागों पर दबाव बनायेंगे तो इससे समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।

    प्रवक्ता ने कहा कि राजदूतों द्वारा लिखा यह पत्र विएना सम्मलेन के दौरान हुए समझौतों का उल्लंघन है। इसके तहत राजदूत किसी देश के आंतरिक मसलों में दखल नहीं दे सकते हैं। चीनी सरकार को यह पत्र इसी हफ्ते दिया गया था जिसका प्रतिनिधित्व कनाडा कर रहा था।

    चीनी शिविरों में बंद लोगों के परिचित और सम्बन्धियों के मुताबिक इस शिविरों में सैन्य कैम्पों की तरह सख्ती और सजा दी जाती है। इन शिविरों में कैदियों को जबरन अपने धर्म और संस्कृति की जानकारी मुहैया करने को कहा जाता है।

    चिठ्ठी के बाबत कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि हमने चीनी विभाग से वह सवाल पूछे है, जिनकी हमें चिंता है। उन्होंने कहा कि सिंगापुर में आयोजित आसियन सम्मलेन में चीनी प्रधानमंत्री के साथ भी इन्ही मुद्दों को भी उठाया था।

    चीन ने राजदूतों के लिखे पत्र को सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन ख़बरों के मुताबिक इसमें 15 विदेशी राजदूतों ने हस्ताक्षर किये हैं, जिसमे कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी सहित कई देशों के राजदूत शामिल हैं। हालांकि पत्र लिखने वाले देशों के राजदूतों ने इस मसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था।

    हाल ही में अमेरिकी सांसदों ने डोनाल्ड ट्रम्प से आग्रह किया था कि चीनी मुस्लिमों को इस शोषण से मुक्त कराएँ। सांसदों ने कहा कि शिनजियांग में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। यूएन के मुताबिक 10 लाख उइगर मुस्लिमों को नज़रबंद शिविरों में बंदी बनाकर रखा गया है।

    शिनजियांग में उइगर और कजाख धार्मिक समूह की धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ, चीन के बहुसंख्यक समूह  हान से भिन्न है और इसी कारण यह विद्रोह होता रहता है। चीन के कई अल्पसंख्यक समूहों ने कबूल किया है कि चीन की नीतियों के कारण यहाँ उनकी संस्कृति को खतरा है।

    15 नवम्बर को चीन की कैबिनेट ने ‘शिनजियांग का संरक्षण और विकास’ शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट में अल्पसंख्यक समुदाय को चीनी धर्म अपनाने के फायदों पर जोर देकर बताया गया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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