Wed. Nov 13th, 2024

    पाकिस्तान की सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह के आरोप में मुकदमा चलाने के लिए अनुबंधित की गई लीगल टीम के विवरण की मांग करने वाले एक आवेदन को खारिज कर दिया। जियो न्यूज के अनुसार, कानून मंत्रालय ने शुक्रवार को मुशर्रफ से जुड़े ब्योरे को गोपनीय बताते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया और आवेदक की फीस वापस कर दी।

    पाकिस्तानी नागरिक मुख्तार अहमद अली ने आमतौर पर आरटीआई कानून के रूप से चर्चित सूचना का अधिकार अधिनियम 2017 के तहत इस बाबत विवरण मांगा था। साथ ही वह यह जानना चाहता था कि जनता जो टैक्स भरती है, उसका इस्तेमाल किस विवेकपूर्ण ढंग से मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।

    जियो न्यूज ने आवेदक अली के हवाले से कहा कि मंत्रालय ने उन्हें इस प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के अयोग्य करार दिया। अपने जवाब में, मंत्रालय ने 1993 में जारी एक कैबिनेट डिवीजन अधिसूचना का उल्लेख करते हुए जानकारी देने से मना किया।

    आवेदन के जवाब में मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि मंत्रालय गोपनीय जानकारियों को साझा करने के लिए बाध्य नहीं है और उसे इससे छूट दी गई है।

    मंत्रालय ने कहा, “यह गोपनीय मामले के अंतर्गत आता है, इसलिए इस पहलू पर आपके अनुरोध को अस्वीरकार किया जाता है।”

    एक महीने पहले ही अली ने आवेदन में चार सवालों के जवाब मांगे थे। उन्होंने वकीलों की टीम के सदस्यों की सूची और संविधान के अनुच्छेद 6 के तहत मुशर्रफ के मुकदमे के लिए संलग्न प्रासंगिक कानून फर्मों और उन्हें भुगतान की गई फीस से जुड़ी जानकारी देने के लिए कहा था।

    इसके अलावा अली ने अन्य खर्चो (यात्रा, अस्थाई आवास, खाने-पीने) का भी ब्योरा मांगा था।

    मंत्रालय के इनकार के बाद, मुख्तार ने सरकार के खिलाफ आवेदकों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों से निपटने के लिए आरटीआई कानून के तहत गठित एक अपील निकाय, पाकिस्तान सूचना आयोग से संपर्क किया है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *