मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने अयोध्या में राम मंदिर बनाये जाने की वकालत की है। अपर्णा ने साथ ये भी बताया कि पारिवारिक झगडे में वो किस पक्ष के साथ खड़ी है।
अपर्णा ने साफ़ किया कि अगर उन्हें 2019 में चुनाव लड़ने का मौका मिले तो वो शिवपालजी और नेताजी के पक्ष का चयन करेंगी।
राम मंदिर पर विचार पूछे जाने पर अपर्णा ने कहा कि रामायण में राम जन्मभूमि की व्याख्या है। इसलिए अयोध्या में राम मंदिर बन जाना चाहिए। अपर्णा ने इसके लिए जनवरी 2019 में कोर्ट का फैसला आने तक इंतज़ार करने को कहा।
यूपी की राजधानी लखनऊ के पास बाराबंकी में बोलते हुए, 28 वर्षीय अपर्णा यादव ने जोर देकर कहा कि शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का 2019 के लोकसभा चुनावों पर असर पड़ेगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह 2019 चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, तो वह किसके साथ जाएंगी? तो अपर्णा ने जवाब दिया: ‘मैं बुजुर्गों के साथ जाऊंगा। हालांकि 2019 के चुनावों के लिए अभी तक काफी समय है, देखते हैं कि चीजें कैसे सामने आती हैं।’
पिछले ढाई दशकों से उत्तर प्रदेश की राजनीति मुलायम सिंह परिवार के इर्द गिर्द घूमती है। पिछले साल पार्टी पर वर्चस्व को लेकर चले पारिवारिक झगडे के बाद अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी को अपने अधिकार में ले लिया और अपने चाचा शिवपाल यादव को बाहर कर दिया। उसके बाद पिछले महीने शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया।
पुत्र और भाई के बीच बंटे वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह के रुख पर सबकी नजरें टिकी हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अखिलेश की हार के बाद अगले साल के महत्वपूर्ण लोकसभा चुनाव में मुलायम भाई और बेटे में से किस पक्ष के साथ जाएंगे इसका सबको इंतज़ार है।
ऐसे वक़्त में जब राम मंदिर मामला कोर्ट में हैं अपर्णा के बयान पर समाजवादी पार्टी का क्या रिएक्शन आता है ये तो वक़्त ही बताएगा लेकिन फिलहाल राम मंदिर का समर्थन कर अपर्णा ने अखिलेश के साथ एक नयी राजनितिक लड़ाई की शुरुआत कर दी है।