आपको बता दें हाल ही में एक निजी अंग्रेजी अख़बार को दिए अपने इंटरव्यू में सलामी बल्लेबाज़ मुरली विजय ने दक्षिण अफ्रीका में आने वाली चुनौतियों, विरोधी टीम के गेंदबाज़ी आक्रमण, भारतीय टीम के सलामी जोड़ी के समीकरण और भारतीय टीम की तैयारियों को लेकर खुलकर बात की। टीम में अपने स्थान को लेकर भारतीय बल्लेबाज़ ने कहा कि “मेरी लड़ाई गेंद के साथ है, नाम के साथ नहीं” अर्थात किसी अन्य खिलाड़ी के साथ नहीं।
जब पत्रकार द्वारा उनसे प्रश्न किया गया कि “सभी तीन सलामी बल्लेबाज अच्छे फार्म में हैं, आप स्थान कहा देखते है?”, तो उन्होंने कहा कि “हम सभी एक तरह के दिमाग वाले लोग हैं हम बातचीत के लिए खुले हैं, हम अच्छे संबंध साझा करते हैं, जो भी मुद्दे हैं, उन्हें हम साथ में मिलकर हल करते है। जब दिल स्पष्ट है, आपका मन स्पष्ट है आगे बढ़ना आसान है। मुझे आशा है कि हम आगामी टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन करेंगे”। जब आगामी दौरे के विषय में उनसे पूछा गया कि “आप किस प्रकार अपने आप को तैयार कर रहे है”, तो उनका उत्तर था कि “मैं दक्षिण अफ्रीका में पहले कई बार गया हूँ, हम दक्षिण अफ्रीका की स्थिति का कितना तेज़ी से आकलन करेंगे और चीजों के बारे में जानेंगे यह गंभीर होगा। यह सोचना बहुत जल्दी है कि वहां क्या हो रहा है, मैं अपना दिमाग खुला रखने की कोशिश कर रहा हूं, मैं अब अपने खेल के हर पहलू पर ध्यान दे रहा हूं और यह बहुत अच्छी तरह से हो रहा है।
भारत के टेस्ट प्रारूप के सलामी बल्लेबाज़ मुरली विजय का 2013 में हुआ दक्षिण अफ्रीका दौरा उनके खेल में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। वहां से, यह सलामी बल्लेबाज़ इस प्रकार सदृढ़ हुआ की भारत के लिए न सिर्फ घर पर बल्कि मुश्किल विदेशी परिस्थितियों में भी विजय ने भारत को मजबूती प्रदान की। 33 वर्षीय, जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ लगातार दो शतक जड़े हैं, दक्षिण अफ्रीका के सफर के लिए अब तैयार हैं।