पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि साल 2008 में भारत के मुम्बई हमले की जानकारी जुटाना पाकिस्तान के हित मे है। हाल ही में मुम्बई हमले की 10 वीं सालगिरह के दौरान भारत ने अपनी बात को दोहराया था। भारत ने इस हमले के साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड के खिलाफ कार्रवाई करने की बात को दोहराया था। इस हमले के लिए भारत लश्कर ए तैयबा को जिम्मेदार मानता है।
भारत ने कहा कि पाकिस्तान अपराधियों के खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया में हिलहवाली रवैया बरत रहा है। इमरान खान ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि हम भी मुम्बई हमले के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी सरकार से इस मसले की स्थिति का आंकलन करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि यह आतंकवाद का मसला है, इसलिए इसे सुलझाना पाकिस्तान के हित में हैं। पाकिस्तान को आतंक रोधी अदालत ने हाल ही में मुम्बई हमले के सात संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई रोक दी थी। इसमे लश्कर ए तैयबा का कमांडर जकीउर रहमान लखवी भी था। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कि इस कार्रवाई को आगे बढाने के लिए भारत को अधिक सबूत मुहैया करने होंगे।
इमरान खान ने पाकिस्तान में प्रधानमंत्री का कार्यभार अगस्त में संभाल था, तब से भारत की ओर शांति का हाथ बढाते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि भारत मे आगामी चुनावों कर कारण सरकार बातचीत प्रक्रिया के लिए तैयार नही है। उन्होंने कहा भारत की सत्ताधारी सरकार एन्टी मुस्लिम और एन्टी पाकिस्तान है। उन्होंने कहा कि भारत ने मेटे द्वारा उठाये सभी शांति प्रयासों को विफल कर दिया है।
इमरान खान ने तालिबान आतंकियों का पाकिस्तान में होने की आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने सत्ता में आते ही सुरक्षा बलों से सारी जानकारी मांगी थी। अफगान शरणार्थियों के लिए शिविरों के बाबत उन्होंने कहा कि यदि यहां 2000 से 3000 तालिबानी है जो पाकिस्तान आना चाहते हैं , वे अफगान शरणार्थी शिविरों में आसानी से जा सकते हैं।