लंदन में कश्मीरी समुदाय ने पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर मंगलवार को प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों ने मुज़फ़्फ़राबाद में पुलिस की बर्बरता के खिलाफ इन्साफ की मांग की है। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी अधिग्रहित कश्मीर के प्रधानमंत्री राजा फ़ारूक़ हैदर खान और राष्ट्रपति मसूद खान के खिलाफ नारे लगाए थे।
16 जून को पुलिस ने 60 प्रदर्शनकारियों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था। यह प्रदर्शनकारी पीओके के मुज़फ़्फ़राबाद शहर में प्रदर्शन कर रहे थे। बड़े स्तर पर प्रदर्शनकारियों ने राज्यमार्ग को बाधित कर दिया था और इस्लामाबाद से झेलम और नीलम नदियों पर हाइड्रोपावर परियोजनाओं को रोकने की मांग की थी।
इस निर्माण से सरकार पानी के बहाव को मोड़ देगी और इस पीओके में आम जनजीवन प्रभावित होगा। पीओके के निवासी दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन विभाग और सरकार उनकी मांगो को सुनने में असफल है। प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन में दुकानों और कारोबार को बंद कर दिया था।
पाकिस्तानी उच्चायोग को सौंपे गए पत्र में प्रदर्शनकारियों ने आज़ाद कश्मीर की हुकूमत की नजरअंदाज़ी और विफलता की आलोचना की है। प्रदर्शनकारियों ने तत्काल इमरान खान से पानी के बहाव को मोड़ने से रोकने के लिए कदम उठाने को कहा है।
इस क्षेत्र के स्थानीय निवासियों एक लम्बे अरसे से मूल जरुरत जल से वंचित है। पीओके के निवासी पाकिस्तान की सेना पर हिंसक कार्रवाई और शोषण के आरोप भी लगाते रहे हैं।
हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में खराब स्वास्थ्य सेवाओं के विरोध में प्रदर्शनकारियों का हुजूम सड़को पर उतर आया है। पाकिस्तान में सबसे बेकार स्वास्थ्य सुविधाओं वाले क्षेत्रों में पीओके भी शुमार है। सरकार की तरफ से किसी प्रकार की सार्थक कार्रवाई न होने के कारण लोग निराश हो गए हैं और प्रदर्शन करने के लिए मज़बूर है।