मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह रेप केस में आरोपी पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने आज बेगूसराय कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। वर्मा पिछले एक महीने से फरार चल रही थी।
मंजू वर्मा की गिरफ्तारी में पुलिस की विफलता ने सुप्रीम कोर्ट का भी ध्यान खिंचा। 12 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री को गिरफ्तार करने में विफल रहने पर बिहार पुलिस की आलोचना की थी।
31 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि केंद्रीय मंत्री लापता है और उनका कोई सुराग नहीं मिल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था ‘बहुत खुब! कैबिनेट मंत्री (मांजू वर्मा) फरार है, शानदार शानदार। ऐसा कैसे हो सकता है कि कैबिनेट मंत्री फरार है और कोई नहीं जानता कि वह कहां है। आप इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हैं कि एक कैबिनेट मंत्री का कोई सुराग नहीं मिल रहा। हद हो गई।’
कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को चार्जशीट दाखिल करने को कहा था ताकि किसी भी आरोपी को जमानत नहीं मिल सके।
मंगलवार को, सुप्रीम कोर्ट ने बिहार पुलिस से पूछा था कि मुजफ्फरपुर आश्रय घर, जहां कई लड़कियों के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया था, में गोला बारूद मिलने से संबंधित मामले में वर्मा को क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया है।
जस्टिस एमबी लोकुर, जस्टिस एस ए नज़ीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने आदेश दिया कि आश्रय घर रेप काण्ड का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को बिहार के बदरपुर जेल से हाई सिक्योरिटी वाले पटियाला जेल में शिफ्ट किया जाए।