बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को अहम फैसला सुनाते हुए गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के मालिक ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 19 लोगों को दोषी करार दिया है। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मुजफ्फरपुर जिला स्थित एक आश्रय गृह में लड़कियों के साथ कथित यौन शोषण मामले में यह फैसला सुनाया है।
ठाकुर सेवा संकल्प एवं विकास समिति नामक एनजीओ के मालिक हैं।
मुजफ्फरपुर का मामला सेवा संकल्प एवं विकास समिति के तहत चलने वाले एक आश्रय गृह से संबंधित है, जहां यौन शोषण, दुष्कर्म और यातना के मामले दर्ज किए गए थे। एक चिकित्सा परीक्षण में आश्रय में रहने वाली 42 लड़कियों में से 34 के यौन शोषण की पुष्टि हुई थी।
इस मामले में 31 मई, 2018 को 12 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।