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    मुकेश अंबानी भारत अर्थव्यवस्था

    एक प्रतिष्ठित अमेरिकी मैगज़ीन ‘फ़ौरन पालिसी’ ने 2019 के टॉप 100 ग्लोबल थिंकर्स की सूचि में एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अम्बानी को स्थान दिया है। अभी पूरी सूचि जारी नहीं की गयी है एवं इसके 22 जनवरी तक जारी किये जाने के आसार हैं।

    स्मार्टफ़ोन रेवोलुशन के कारण मिली जगह :

    फ़ौरन पालिसी एक अनुसार “44.3 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ मुकेश अंबानी 2018 में जैक मा को पीछे छोड़ते हुए एशिया के सबसे धनी व्यक्ति बन गए। तेल, गैस और खुदरा क्षेत्र में वर्चस्व से उन्होंने यह संपत्ति अर्जित की है लेकिन उम्मीद है कि दूरसंचार क्षेत्र की अपनी कंपनी जिओ के जरिए वह भारत पर सबसे अधिक प्रभाव डालेंगे।”

    यह बात उल्लेखनीय है की मुकेश अम्बानी ने 2016 में रिलायंस जिओ के साथ टेलिकॉम मार्किट में प्रवेश किया था एवं शुरू में ग्राहकों को फ्री कालिंग एवं इन्टरनेट सेवाएं दी गयी थी जिससे जिओ ने जल्द ही अपने करोड़ों ग्राहक जोड़ लिए थे। इसके बाद से ही दुसरे प्रदाताओं के ग्राहकों में कमी देखी जा रही है एवं जिओ के ग्राहकों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

    सूचि में ये महान हस्तियां भी शामिल :

    फॉरेन पॉलिसी ने कहा कि 2019 में उसके ग्लोबल थिंकर्स की सूची को दस साल पूरे हो रहे हैं और इसलिए उसने सूची को दस अलग-अलग श्रेणियों में बांटने का निश्चय किया है। अंबानी को प्रौद्योगिकी से जुड़ी 10 शीर्ष शख्सियतों में स्थान दिया गया है। इस सूचि में मुकेश अम्बानी के साथ अलीबाबा के संस्थापक जैक मा, अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस और आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टिन लेगार्ड के नाम शामिल हैं। इस पत्रिका ने अपनी वेबसाइट पर 2019 की सूची के 100 नामों में से कुछ का ऐलान किया।

    2018 में अम्बानी बने एशिया में सबसे अमीर :

    जहां कई देशों के लोग संपत्ति गँवा रहे थे वही भारत के सबसे अमीर और रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी की दौलत में इस साल बढ़ोतरी हुई। अंबानी की दौलत 2018 में 28 हजार करोड़ रुपए बढ़ी। अंबानी की दौलत बढ़ने में उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर का बड़ा योगदान रहा। इस कारण अंबानी एशिया के सबसे अमीर इंसान भी बन गए। उन्होंने अलीबाबा ग्रुप के जैक मा को पीछे छोड़ दिया।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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