ब्रिटिश बैंक एचएसबीसी ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार ट्रैंज़ैक्शन के मद्देनज़र देश में ब्लॉकचेन का पहली बार उपयोग किया है। इसके चलते मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड ने अपने एक अमेरिकी क्लाईंट को ब्लॉकचेन का उपयोग करते हुए एक निर्यात संबंधी लेन-देन किया है।
ब्लॉकचेन मुख्यतः एक ऐसी तकनीक है, जिसके चलते विक्रेता और खरीददार के बीच पैसे का सीधा स्थानांतरण किया जा सकता है। ऐसे में बड़े स्तर पर धन के लेन-देन की समय सीमा को घटाने के लिए ब्लॉकचेन बेहद कारगर तरीका है। ब्लॉकचेन के जरिये बिचौलिये की जरूरत खत्म हो जाती है, जबकि इस ट्रैंज़ैक्शन को पूरा करने के लिए किसी थर्ड पार्टी का होना जरूरी होता है।
इसी के साथ एचएसबीसी इंडिया और रिलायंस ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए बताया है कि रिलायंस और अमेरिकी कंपनी ट्राईकोन एनर्जी के बीच हुए एक खरीददारी के लिए ब्लॉकचेन आधारित क्रेडिट ट्रैंज़ैक्शन का ही उपयोग किया गया है।
रिलायंस ने बताया है कि ब्लॉकचेन का उपयोग करते हुए जिस लेन-देन की प्रक्रिया में 7 से 8 दिनों का समय लगता था, उसे अब 1 दिन के भीतर ही पूरा कर लिया गया है।
एचएसबीसी ने इस बाबत जानकारी देते हुए कहा है कि “अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार करने वाली किसी भी संस्था के लिए यह तकनीक बेहद कारगर साबित होगी, इससे एक ओर जहाँ उस कंपनी के लेन-देन में लगने वाले समय में कमी आएगी, वहीं दूसरी ओर कंपनी अपना दायरा भी आसानी से बड़ा कर सकेंगी।”
गौरतलब है कि ब्लॉकचेन में लेन-देन की प्रक्रिया बिलकुल पारदर्शी होती है, इसके चलते कंपनी से संबन्धित सभी शेयरधारक इस ट्रैंज़ैक्शन को रियल-टाइम में देख सकते हैं।
वहीं देश में भी अब आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई और यस बैंक भी इस तकनीक को अपनाने के लिए तैयारी कर रहे हैं।
मालूम हो कि वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में व्यापारिक लेन-देन के लिए ग्राहक और विक्रेता आपस में पेपर प्रक्रिया आधारित LC के तहत अपने ट्रैंज़ैक्शन पूरे करते हैं। इसके तहत दोनों ही पक्ष पोस्ट, कूरियर या फ़ैक्स के जरिये ट्रैंज़ैक्शन संबन्धित कागज़ जरूरी पार्टी तक पहुंचाते हैं। वहीं ब्लॉकचेन प्रक्रिया में इस सभी तरह के झंझटों से क्रेता और विक्रेता को मुक्ति मिल जाएगी।