मुंबई, 13 जून (आईएएनएस)| एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में मुंबई पुलिस ने गुरुवार को अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा अभिनेता नाना पाटेकर के खिलाफ मीटू मुहिम के तहत दायर यौन उत्पीड़न मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी।
मीटू मुहिम विश्व स्तर पर उन महिलाओं द्वारा शुरू की गई जिनको कभी न कभी किसी स्तर पर यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा और जिसका खुलासा वे तत्काल न कर इस मुहिम के जरिए कर सकीं।
मुंबई पुलिस के प्रवक्ता व पुलिस उपायुक्त मंजुनाथ शिंगे ने आईएएनएस से कहा, “हां, हमने अदालत के समक्ष बी-समरी रिपोर्ट दाखिल की है।”
पुलिस ने कथित तौर पर पर्याप्त सबूत नहीं मिलने के बाद यह कदम उठाया है। इसके साथ ही इस मामले को एक तरह से खत्म कर दिया गया है क्योंकि पुलिस का रुख है कि वह आगे मामले में जांच जारी नहीं रख सकती।
तनुश्री दत्ता के वकील नितिन सतपुते ने कहा कि वह इस मामले में पुलिस के उठाए कदम को चुनौती देंगे।
सतपुते ने आईएएनएस से कहा, “यदि पुलिस समरी रिपोर्ट के किसी भी बी या सी वर्गीकरण को दर्ज करती है, तो वह अंतिम नहीं हो सकती। हम न्यायालय के समक्ष इसका विरोध करेंगे। सुनवाई के बाद, यदि अदालत संतुष्ट हुई तो वह पुलिस को फिर से जांच करने का निर्देश दे सकती है।”
उन्होंने पुलिस पर पूरे मामले में कई अन्य गवाहों के बयान दर्ज न करने और ‘आरोपी की सुरक्षा के लिए’ केवल ‘एक या दो’ गवाहों के बयानों पर भरोसा करने को लेकर निशाना साधा और मामले में ठीक से जांच नहीं करने का आरोप लगाया।
सतपुते ने कहा, “इस सबके मद्देनजर हम बी समरी रिपोर्ट का विरोध करेंगे और बॉम्बे उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिट याचिका भी दायर करेंगे।”
तनुश्री दत्ता ने सितंबर 2018 में पाटेकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने एक दशक पहले, 2008 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान की घटना का जिक्र करते हुए नाना पर कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पाटेकर ने उनके द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया था।
अभिनेत्री ने गुरुवार को एक बयान में कहा, “हमारे गवाहों को डराया धमकाया गया है और मामले को कमजोर करने के लिए नकली गवाहों को रखा गया है। जब मेरे सभी गवाहों ने अभी तक अपने बयान दर्ज नहीं किए हैं, तो बी समरी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए क्या हड़बड़ी थी? मैं बिल्कुल भी हैरान नहीं हूं और ना ही आश्चर्य में हूं, भारत में एक महिला होने के नाते यह एक ऐसी चीज है, जिसकी हम सभी को आदत है।”