Sat. May 18th, 2024
    rahul gandhi

    भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम को कहा कि अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल केस के फैसले के बाद पीएम मोदी पर अपनी टिप्पणी के बाद दायर की गई अपनी स्पष्टीकरण में किसी भी मांफी या पछतावे का प्रदर्शन नही किया।

     लेखी, जिन्होंने राहुल गांधी पर राफेल के फैसला आने के बाद “चौकीदार चोर हैं” टिप्पणी करने पर आपराधिक अवमानना याचिका दायर की हैं, जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा था कि इसके लिए गलत तरीके से जिम्मेदार ठहराया गया हैं ने एक हलफनामा जमा किया था। शीर्ष अदालत लेखी की याचिका पर 30 अप्रैल सुनवाई करेगी।

    उन्होंने आगे कहा कांग्रेस अध्यक्ष गांधी ने हलफनामें में झूठे और विरोधाभासी बयान दिया हैं, जो कि अदालत की अवमाना हैं।

    शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को एक स्पष्ट स्पष्टीकरण देते हुए कहा, उसके राफेल फैसले में इसके लिए अवमानना का उल्लेख करने का कोई अवसर नही था, “चौकीदार नरेंद्र मोदी चोर हैं” जो राहुल गांधी द्वारा बोला गया था।

    राहुल गांधी, जिन्होंने लेखी के याचिका के बाद शीर्ष कोर्ट द्वारा के द्वारा नोटिस जारी किया था, ने नया हलफनामा दाखिल किया हैं जिसमें उन्होंने में ब्रैकेट में अफसोस शब्द का इस्तेमाल किया हैं।

    22 अप्रैल को राहुल गांधी ने शीर्ष कोर्ट के आदेश के जवाब में एक हलफनामा दाखिल किया जिसमें उन्हें अपनी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देने को कहा था, और उन्होंने कहा था कि वह इस पर खेद व्यक्त कर रहे हैं।

    हालांकि,अगले दिन मामले की सुनवाई के दौरान लेखी की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि पछतावा एक ब्रैकेट में था और वास्तव में यह एक औपचारिकता थी।

    नए हलफनामें में, राहुल गांधी बार बार कहा कि उनका बयान राजनीतिक प्रचार की गर्मी में किया गया था और इस में किसी तरह से सुप्रीम कोर्ट की कार्यवायी के बारे में कुछ भी असंवेदनशील इरादा नही था।

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