तीन तलाक पर लोकसभा में गहमा गहमी का माहौल है विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार का साथ तो दे रही है लेकिन साथ ही यह भी कह रही है कि इस कानून को फिलहाल एक बार फिर सोच समझकर सदन में लाया जाना चाहिए। कांग्रेस ने कहा है कि मसौदे में कई तरह के गंभीर कमियां है जिसे दूर किये जाने की आवश्यकता है।
इस मुद्दे पर बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने बड़ा बयान दिया है। तीन तलाक का भारी विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि “इस बात पर मुझे ख़ुशी है कि आज कांग्रेस सहित बाकी दल भी हमारे साथ अत्याचारी तीन तलाक के खिलाफ है। हम सबको सती प्रथा की तरह ही इस खराब तीन तलाक के विरोध में भी लड़ना होगा।”
लेखी ने सदन में अपना बयान दिया कि सती प्रथा की तरह ही तरह तीन तलाक में गवाह बनने वाले मौलवियों पर भी कड़े केस होने चाहिए तथा उनको भी सजा मिलनी चाहिए तब ही जाकर यह अन्याय रुकेगा।
इस मौके पर एक शायरी कहते हुए उन्होंने तीन तलाक समर्थकों को निशाने पर लिया लेखी ने कहा कि ”क्यों बनाते हैं हम ऐसे रिश्ते, जो पल दो पल में टूट जाते हैं…..वादा तो करते हैं ताउम्र साथ निभाने का, लेकिन हल्की से आंधी में गुज़र जाते हैं।”
मुस्लिम लॉ बोर्ड ने किया कानून का विरोध
मुस्लिम लॉ बोर्ड इस मामले में सरकार का विरोध पहले ही कर चुकी है। बोर्ड ने इस कानून को इस्लाम विरोधी बताया है बोर्ड का कहना है कि यह बिल मुस्लिम समाज के अनुसार नहीं बनाया गया है और इससे समाज में असमानता आएगी। बोर्ड ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे महिलाओं के लिए गलत बताया है।
वैसे इस बिल पर कांग्रेस भी फिफ्टी फिफ्टी नजर आ रही है। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि “मुझे नहीं लगता कि इस बिल का समर्थन करना चाहिए क्यूंकि अब तक इस बिल को समझाने में सरकार विफल रही है। सरकार यह बताए कि अगर मुस्लिम युवकों को तलाक देने के हक़ से वंचित कर भी दिया गया तो इससे महिलाओं का शशक्तिकरण कैसे हो जाएगा? अगर कोई विवाहित जोड़ा अपने दांपत्य जीवन से खुश नहीं है तो उसके पास तलाक के अलावा अब क्या रास्ता शेष रह जाएगा?
असद्दुदीन ने भी किया विरोध
तीन तलाक पर विरोध जताने वालों में से एक नाम ओवैसी का भी है। इस मुद्दे पर ओवैसी सरकार के एक दम विपक्ष हो गए है। उन्होंने कहा कि “यह बिल किसी भी तरह से सही नहीं है क्यूंकि इससे महिलाओं का हक़ मारा जा रहा है साथ ही बिल को इस तरह से तैयार किया गया है जिससे नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है” ओवैसी ने यह भी कहा कि “महिलाओं के नाम पर इस तरह के बिल की कोई जरूरत नहीं है क्यूंकि महिलाओं की सुरक्षा के लिए देश में पहले से ही प्रयाप्त कानून है।”
I have given a Notice to oppose the introduction of Muslim Women (Protection of Rights on Marriage Bill) 2017 under rule 72 in Lok Sabha pic.twitter.com/YvLl1ntcqh
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 28, 2017
कुछ इस तरह का है बिल
तीन तलाक पर जो विधेयक सरकार संसद में लाने जा रही है उसके मुताबिक माना जा रहा है कि अब महिलाओं को किसी भी प्रकार से गलत ढंग से तलाक देना कानूनी अपराध होगा और उसके लिए सजा तय है।
तीन तलाक पर सरकार द्वारा ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ के नाम से बनाए गए कानून के मुताबिक कोई भी तलाक जो मौखिक, लिखित या मैसेज (व्हाट्सप्प, फेसबुक या अन्य किसी भी माध्यम द्वारा) द्वारा दिया जाएगा वो कानूनी स्वीकार्य नहीं होगा और इसे अपराध माना जाएगा।
ऐसा करने पर तीन साल की सजा के साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। जुर्माने की राशि कितनी होगी, यह फैसला मजिस्ट्रेट का होगा।