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    चीन और पाकिस्तान

    भारत ने बुधवार को एंटी सैटेलाइट हथियार ए-सैट ने सफलतापूर्वक धरती की निम्न कक्षा पर मौजूद सैटेलाइट को ध्वस्त कर दिया था। पाकिस्तान ने कहा कि यह अंतरिक्ष में सैन्य खतरे को बढ़ा रही है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने एक बयान में कहा कि “अंतरिक्ष सभी देशों की साझी विरासत है और सभी राष्ट्रों पर ऐसी कार्रवाई से बचने की जिम्मेदारी है, जो सैन्यकरण को बढ़ावा दे।”

    पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने कहा कि “हमे उम्मीद है कि पूर्व में जिन देशो ने दूसरे देशो की ऐसी क्षमताओं का विरोध किया था, वे इस बार भी अंतरिक्ष के सैन्य खतरे से निपटने के लिए कार्य करने को तत्पर होंगे। इस प्रकार की बयान देना डॉन क्विक्सोठे की पवनचक्की की याद को ताज़ा कराता है।”

    चीन ने मिशन शक्ति पर सतर्कता से बयान जारी किया है उम्मीद जताई है कि अंतरिक्ष पर सभी देश शान्ति बनाये रखेंगे। चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत द्वारा सफलतापूर्वक परिक्षण की रिपोर्ट पर कहा कि “हमने सभी रिपोर्ट्स पर गौर फ़रमाया है और उम्मीद है सभी देश अंतरिक्ष में शान्ति बरकरार रखेंगे।”

    नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि “भारत ने अपना नाम अंतरिक्ष के ताकतवर देशों की सूची में शामिल कर लिया है।अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत यश मुकाम हासिल करने वाला चौथा देश है। मिशन शक्ति को बेहद मुश्किल लक्ष्य को भेदना था, जिसे मात्र 3 मिनट में सफलतापूर्वक लांच कर दिया था।”

    चीन ने साल 2007 में यह परिक्षण किया था जब उसकी सैटेलाइट विरोधी मिसाइल ने मौसम सैटेलाइट को तबाह कर दिया था।

    प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त करते हुए कहा कि “इस परिक्षण ने किसी अंतर्राष्ट्रीय कानून या संधि का उल्लंघन नहीं किया है और भारत हमेशा अंतरिक्ष में हथियारों की रेस के खिलाफ प्रतिबद्ध रहा है।”

    प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त करते हुए कहा कि “इस परिक्षण ने किसी अंतर्राष्ट्रीय कानून या संधि का उल्लंघन नहीं किया है और भारत हमेशा अंतरिक्ष में हथियारों की रेस के खिलाफ प्रतिबद्ध रहा है।”

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “इस परिक्षण ने किसी अंतर्राष्ट्रीय कानून या संधि का उल्लंघन नहीं किया है और भारत हमेशा अंतरिक्ष में हथियारों की रेस के खिलाफ प्रतिबद्ध रहा है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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