पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने कश्मीर के अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता के साथ फ़ोन पर जम्मू कश्मीर में मानवधिकार उल्लंघन के बाबत बातचीत की थी। इसका भारत ने कड़ा विरोध जताया था। विदेश मंत्री ने अब हुर्रियत के और नेता सैयद अली शाह गिलानी से संपर्क साधा है और फ़ोन पर बातचीत की थी।
अलगाववादी नेता ने मंगलवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से फ़ोन पर बातचीत की थी। पाकिस्तानी विदेश विभाग की तरफ से जारी बयान के मुताबिक उन दोनों ने कश्मीर मसले पर बातचीत की थी। पाक विदेश मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कश्मीर में भारत द्वारा मानवधिकार उल्लंघन का खुलासा करने का प्रयास कर रही है।
भारत ने कहा कि पाकिस्तान का यह कदम उनके नेतृत्व के दोहरे चरित्र का प्रदर्शन करता है। मिर्वैज़ उमर फारूक ने कहा कि “हम जम्मू-कश्मीर के मसले का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं और पाकिस्तान इस मामले को शांतिपूर्ण वार्ता से हल के इच्छुक है।” उन्होंने कहा कि कश्मीर मामला एक राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है न कि एक विकासशील मसला है।
पाक विदेश मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान ने भारत सरकार के साथ बातचीत के लिए भरसक प्रयास किया लेकिन दुर्भाग्यवश नई दिल्ली ने कोई सकारात्मक पहल नहीं की। वे आगामी चुनावों के बाद भारत की नई सरकार के साथ शांति वार्ता करेंगे। भारत ने पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर के मामले से दूर रहने का आदेश दिया था और भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहेल महमूद को तलब किया था।
पाकिस्तान में नियुक्त भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने समन जारी किया था। ख़बरों के मुताबिक पाकिस्तान विदेश सचिव ने अजय बिसारिया से कहा कि पाकिस्तान कश्मीरी जनता के लिए समर्थन जारी रखेगा और उनके संघर्ष में उनका साथ देगी।