मालदीव में राजनीतिक संकट के बादल छंटने लगे हैं। मालदीव में लोकतान्त्रिक प्रक्रिया से चुने गए राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद वापस अपने मुल्क लौट आये हैं। मोहम्मद नशीद दो साल से देश से निर्वासित थे और लन्दन और कोलाम्बों मे परिवार के साथ रह रहे थे।
गुरूवार को श्रीलंका की राजधानी कोलम्बो से मोहम्मद नशीद का विमान मालदीव की राजधानी माले के हवाईअड्डे पर पंहुचा था। जहां उनके दल के सदस्यों और समर्थकों ने उनका स्वागत किया था। दिन के अंत में पूर्व राष्ट्रपति अपने समर्थकों को संबोधित करेंगे।
मोहम्मद नशीद को आतंकवाद के अपराध में साल 2015 में 13 साल के कारावास की सज़ा सुनाई गयी थी। उन्होंने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल साल 2012 एक वरिष्ठ जज को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। मोहम्मद नशीद के इस फैसले से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने उनकी काफी आलोचनाये की थी।
मालदीव में 23 सितम्बर को हुए राष्ट्रपति चुनावों में महम्मद नशीद के पार्टी के सदस्य इब्राहीम सोलिह ने राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को हरा दिया था। अब्दुल्ला यामीन की हार के बाद अदालत ने जेल में कैद कई अधिकारियों को रिहा कर दिया था।
मालदीव की शीर्ष अदालत ने इस सप्ताह की शुरुआत में मोहम्मद नशीद की सज़ा रद्द कर दी थी। देश में प्रवेश पर मोहम्मद नशीद को गिरफ्तारी से बचाने के लिए देश के अभियोक्ता ने अदालत में याचिका दायर की थी।
मोहम्मद नशीद के अलावा विपक्षी पार्टी के नेता और पूर्व उप राष्ट्रपति देश वापस लौट आये हैं। यह दोनों नेता साल 2013 में हुए राष्ट्रपति चुनावों में अब्दुल्ला यामीन के खिलाफ खड़े थे। मोहम्मद नशीद साल 2008 में पहली बार मालदीव में हुए बहुदलीय चुनावों में जीतकर राष्ट्रपति बने थे।
मोहम्मद नशीद लोक्तान्त्रतिक समर्थक कार्यकर्ता भी थे। इससे पूर्व दशकों तक मालदीव में निरंकुश शासन था। राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने बीते फ़रवरी को देश में 45 दिनों का आपातकाल घोषित कर दिया था।