अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फोन पर मालदीव संकट को लेकर चर्चा की। इसके अलावा अफगानिस्तान व उत्तर कोरिया मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच वार्ता हुई। व्हाइट हाउस ने जारी बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने मालदीव में राजनीतिक संकट और कानून के सम्मान को महत्व दिए जाने पर जोर दिया।
इस साल 2018 की ये मोदी व ट्रम्प के बीच पहली फोन पर बातचीत है। व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है।
गौरतलब है कि मालदीव मे जारी राजनीतिक संकट पर भारत, चीन व अमेरिका सहित कई देश पूरी नजर बनाए हुए है। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने तो भारत से उनके देश में दखल देने की मांग की है।
वहीं चीन का कहना है कि मालदीव में शांति के लिए किसी भी बाहरी देश को दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए। मालदीव के राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानने के बाद ही ये संकट पैदा हुआ है।
इसके अलावा बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प दक्षिण एशिया रणनीति को बेहद अहम मानते है। इसके लिए उन्होंने अफगानिस्तान में शांति व सुरक्षा स्थापित बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता भी दोहराई। मोदी व ट्रम्प ने इनके अलावा म्यांमार पर चर्चा भी की।
रोहिंग्या मुद्दे पर भी हुई बात
इस दौरान रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्याओं को दूर करने के तरीकों पर दोनों नेताओं ने बात की। हाल ही में म्यांमार और बांग्लादेश रोहिंग्या शरणार्थियों की सुरक्षित वापसी के एक रोडमैप पर सहमत हुए है।
अमेरिका का मानना है कि यह रोहंगिया शरणार्थियों की वापसी के लिए सही समय नहीं है। लाखों की संख्या में रोहिंग्या लोगों को देश छोड़कर बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों मे रहने को मजबूर होना पड़ा।