उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने एक अजीबोगरीब मांग उठाई है। हरीश रावत ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री को टैग किया और सुझाव दिया कि भारतीय नारीत्व की गरिमा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए सोनिया गांधी और शोषित व पीड़ितों के भीतर विश्वास पैदा करने के लिए मायावती का योगदान अतुल्य है। इसलिए इन दोनों को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न मिलना चाहिए।
हरीश रावत ने साथ में यह भी लिखा कि वर्तमान सरकार इन दोनों की राजनीति से भले ही अपना अलग मत रखे लेकिन इस बात को लेकर बातें इंकार नहीं किया जा सकता कि इन दोनों महिलाओं ने महिला सम्मान को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का काम किया है। बाद में उन्होंने ये साफ किया कि ये बयान उन्होंने एक आम नागरिक की हैसियत से लिखा है न कि एक नेता की।
उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया व अन्य जगहों पर अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। ट्विटर पर एक ट्रैंड भी चला था जिसमें लोग लिख रहे थे कि सोनिया गांधी को भारत रत्न मिलना चाहिए। बहुत से यूजर्स ने इसका समर्थन किया। वहीं इस पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी हरीश रावत का समर्थन किया। लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि वर्तमान एनडीए सरकार से पहले दो बार यूपीए की सरकार रही। तब सोनिया गांधी को यह सम्मान ले लेना चाहिए था। नीतीश कुमार ने कहा कि जिन लोगों के पास सरकार पहले से ही थी वे आज मांग भारत रत्न की मांग क्यों उठा रहे हैं। जब सरकार में थे तभी क्यों नहीं यह मांग उठाई गई। साथ ही नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि सभी को अपनी मांग उठाने का समान अधिकार है। जाहिर है वे अपने बयान में हरीश रावत पर चुटकी ले रहे थे।