उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद उत्तर प्रदेश के विपक्षी दलों ने सड़क पर उतर कर सरकार के खिलाफ मोर्चेबंदी की। सपा, कांग्रेस के बाद बसपा भी इस मुद्दे पर मुखर हुई। बसपा मुखिया मायावती ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपकर प्रदेश में महिला सुरक्षा पर कड़े कदम उठाने की अपील की। मायावती ने कहा कि “उन्नाव की घटना से बहुजन समाज पार्टी काफी दुखी है। एक महिला होने के नाते मैंने इस घटना को गंभीरता से लिया है। पूरे देश में इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं। उप्र में अति हो गई है।”
उन्होंने कहा, “यहां पर महिलाओं का उत्पीड़न बढ़ा है। मैंने यह महसूस किया है कि प्रदेश की गवर्नर यदि महिला हैं तो महिला होने के नाते वह इस मामले को गंभीरता से लेंगी। यूपी सरकार ज्यादा गंभीर नहीं दिख रही है। अब अति हो रही है।”
उन्होंने सलाह दी कि “मुख्यमंत्री को बुलाकर पुलिस विभाग के अधिकारियों से भी बातचीत करें। ला एंड आर्डर सही होना चाहिए। महिलाएं सुरक्षित होनी चाहिए। प्रदेश सरकार कानून-व्यवस्था को नहीं संभाल पा रही है।”
मायावती ने राज्यपाल से कहा, “आप संवैधानिक पद पर हैं। जब प्रदेश में कानून-व्यवस्था खराब है, जंगलराज चल रहा है, महिलाएं बिल्कुल सुरक्षित नहीं हैं तो आपकी जिम्मेदारी बनती है कि संवैधानिक पद पर आसीन होने के नाते अपना कर्तव्य ईमानदारी और निष्ठा से निभाएं।”