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    बसपा सुप्रीमो मायावती

    बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आज बोलने का मौका ना देने पर राज्य सभा की सदयस्ता से इस्तीफा दे दिया है। इस फैसले से पहले मायावती ने आज सदयस्ता छोड़ने की धमकी भी दी थी। इस दौरान उन्होंने गुस्से में संसद छोड़ दिया था। नेताओं ने उनके ऐसा करने पर रोष जताया है और उन्हें माफ़ी मांगने के लिए कहा है।

    आपको बता दें मायावती आज संसद में सहारनपुर में हो रहे दलितों पर अत्याचारों पर बोल रही थी तब उपसभापति पीजे कुरियन ने उन्हें अपनी बात ख़तम कर बैठने को कहा। उनके ऐसा कहने पर मायावती बढ़क गयी और गुस्से में सदयस्ता से इस्तीफा देने की धमकी देकर संसद छोड़ दिया। उनके ऐसा करने के बाद सत्ता के नेताओं ने उनके ऐसा करने पर उन्हें माफ़ी मांगने के लिए कहा है। उनके अनुसार ऐसा करना कुर्सी की मर्यादा के खिलाफ है।

    इसके बाद विपक्ष ने नेताओं ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए सरकार पर दलित-विरोधी होने के नारे लगाए। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘अगर सरकार को बहुमत दलितों, किसानों और अल्पसंख्यकों की लिंचिंग के लिए मिला है तो हम इस सरकार के साथ नहीं। दलित, किसान और अल्पसंख्यकों की लिंचिंग हो रही है।’

    मायावती का कार्यकाल अगले साल खत्म हो रहा हैं। आज इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मायावती ने कहा कि सरकार उन्हें बोलने का मौका नहीं दे रही है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।