उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में गठबंधन तो पहले से ही तय था लेकिन शुक्रवार को दिल्ली में अखिलेश यादव और मायावती के बीच मुलाक़ात के बाद लगता है कि सीटों का बंटवारा भी हो गया है।
इन्डियन एक्सप्रेस के मुताबिक़ समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी और शेष सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ी जायेगी। इस सहयोगी में राष्ट्रीय लोक दल भी शामिल है।
खबरों के अनुसार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को साथ लिए बिना ही गठबंधन हो गया है। समाजवादी पार्टी 37 सीटों पर, बहुजन समाज पार्टी 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 6 सीटें छोटी पार्टियों के लिए छोड़ी गई है। इन 6 सीटों में 2 सीटें कांग्रेस के लिए राय बरेली और अमेठी भी है जहाँ दोनों पार्टियाँ अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
15 जनवरी को मायावती का जन्मदिन है और उम्मीद है उसी दिन गठबंधन और सीट बंटवारे का औपचारिक ऐलान हो जाए।
एक सीट वर्तमान में एनडीए की सहयोगी सुहेलदेव भारत समाज पार्टी के लिए रखा गया है। और एक और सीट किसी एनी छोटी पार्टी मसलन भाजपा से नाराज अपना दल के लिए छोड़ी जा सकती है। अगर को योग्य उम्मीदवार नहीं मिला तो वो सीट राष्ट्रिय लोक दल के खाते में जा सकती है।
2014 में उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों में से भाजपा ने 42.63 फीसदी वोटों के साथ 71 सीटें जीती थी जबकि 2 सीट सहयोगी अपना दल के खाते में गई थी। समाजवादी पार्टी ने 22.35 फीसदी वोटों के साथ 5 सीटों को हासिल किया था जबकि कांग्रेस 7.53 फीसदी वोट के साथ 2 सीट रायबरेली और अमेठी जीतने में सफलता हासिल की थी। बहुजन समाज पार्टी ने 19.77 फीसदी वोट हासिल किया था लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पायी थी।
पिछले साल भाजपा ने उपचुनाव में 3 लोकसभा सीट गँवा देये जिसमे गोरखपुर जैसा गढ़ भी शामिल था जो मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ की सीट हुआ करती थी।