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    नरेन्द्र मोदी

    पुणे पोलिस ने अदालत में कहा, “माओवादी कर रहे थे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने का प्लान। जिस तरह से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की हत्या की गयी थी, उसी तरह पीएम मोदी की रैली के दौरान हत्या करने की साजिश रच रहे थे माओवादी। पकडे गए संदिग्ध माओवादी से एक पत्र पुलिस ने बरामद किया उसमें पीएम मोदी की हत्या करने के बारें में लिखा गया था।”

    महाराष्ट्र पुलिस के अनुसार, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस को इस माओवादियों ने धमकी भरा ख़त भेजा था, जिसमें उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की बात कई गयी थी। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “हम प्रधानमंत्री जी के सुरक्षा को लेकर हमेशा गंभीर रहे हैं। माओवादी अपने मनसूबों में कभी सफल नहीं होंगे।”

    एक दिन पहले(बुधवार) को पुणे पोलिस ने दलित नेता सुधीर धावले, वकील सुरेन्द्र गाडगील, महेश राउत, शोमा सेन और रोना विल्सन को मुंबई, नागपुर, दिल्ली से हिरासत में लिया। इन लोगों को पिछले साल दिसम्बर में आयोजित एल्गार परिषद से जुड़े होने के कारण गिरफ्तार किया गया हैं। आपको बतादे, एल्गार परिषद् के कुछ ही दिन बाद भीमा-कोरेगाव में हिंसा भड़की जिसके कारन कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी।

    सभी आरोपियों को पुणे के सेशंस कोर्ट में पेश किया जा चूका हैं और कोर्ट के आदेशों के अनुसार उन्हें पूछताछ के लिए 14 जून ताज पुलिस कस्टडी में रहा जाएगा। आरोपियों के वकील ने ख़त को झुटा बताया और उससे छेड़छाड़ किए जाने की बात कोर्ट में कहीं। रोना विल्सन के दिल्ली के घर से बरामद ख़त में प्रस्तावित प्लान के लिए जरुरी M-4 रायफल और चार लाख राउंड बुलेट खरीदने के लिए आठ करोड़ रुपए की जरुरत होने की बात कही गयी हैं।

    पुणे पोलिस द्वारा बरामद ख़त में लिखा गया हैं,

    “हम राजीव गाँधी की तरह की घटना के बारेमें सोच रहे हैं। यह आत्मघाती लग सकता है और हम असफल भी हों सकते हैं लेकिन पार्टी(सीपीआय-माओइस्ट) जरुर विचार विमर्श करें।”
    “रोड पर टारगेट करना आसान हो सकता हैं।”

    “मोदी के नेतृत्ववाली हिन्दू-फासिस्ट सरकार आदिवासियों के जीवन में हस्तक्षेप कर रही हैं। बिहार, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में करारी हार के बाद भी मोदी 15 से ज्यादा राज्यों में बीजेपी की सरकार बनाने में सफल हुआ हैं।”

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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