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    अमेरिकी राज्य सचिव और इराकी राष्ट्रपति

    अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने मंगलवार को इराक की औचक यात्रा की थी। उन्होंने अपनी जर्मनी की यात्रा को कई मसलो के कारण रद्द कर दिया था। ईरान के साथ तनावों के बढ़ने के बावजूद पोम्पिओ ने बाग्दाद् की यात्रा की थी और प्रधानमंत्री आदिल अल मेहदी, राष्ट्रपति बरहम सालिह और अन्य अधिकारीयों से मुलाकात की थी। वह इस यात्रा पर मात्र चार घंटो के लिए थे।

    इस यात्रा के दौरान अमेरिकी सचिव ने इराकी सरकार के साथ ईरान पर चिंता जाहिर की थी। पोम्पिओ ने कहा कि यह बैठक फलदायी रही थी और उन्होंने इराक की महत्वता को सुनिश्चित किया कि वह अपने मुल्क में अमेरिकियों के संरक्षण के लिए पर्याप्त सक्षम है।

    उन्होंने कहा कि “दोनों देशों ने सुनिश्चितता मुहैया की है कि दोनों अपनी जिम्मेदारियों को हैं। वह भी अपने मुल्क में हमारी मौजूदगी की महत्वता को समझते हैं। वह नहीं चाहते की कोई भी उनके देश में हस्तक्षेप करे, इराकी सरजमीं से किसी दूसरे मुल्क पर हमला न करे और इसका पूर्ण समझौता है।”

    माइक पोम्पिओ ने कहा कि “इराक ने ईरान से अमेरिकी हितो की सुरक्षा की गारंटी दी है। साथ ही उन्होंने इराकी अधिकारीयों से शेष आईएसआईएस के आतंकियों को खदेड़ने पर भी चर्चा की थी। साथ ही विदेशी लड़ाकों को नजबंद शिविरों में रखने की वार्ता हुई थी।”

    हाल ही में अमेरिका ने ऐलान किया कि “वह मध्य पूर्व में यूएसएस अब्राहम लिंकन कैर्रिएर स्ट्राइक ग्रुप, वायुसेना के बमवर्षक और बी-52 बमवर्षक की तैनाती कर रहे हैं।” यह ईरान के विवादित संकेतो और धमकियों की प्रतिक्रिया में किया जा रहा है।

    अमेरिका ने साल 2015 में ईरान के साथ हुई परमाणु संधि को बीते वर्ष तोड़ दिया था। ईरान ने बुधवार को ऐलान किया कि वह परमाणु संधि की प्रतिबद्धताओं को कम कर देंगे। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव का स्तर बढ़ता जा रहा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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