Sun. Nov 3rd, 2024
    माइक पोम्पिओ

    न्यूयॉर्क, 13 जून (आईएएनएस)| अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भारतीय प्रधानमंत्री की ‘दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले लोकतंत्र के लिए नए तरह के नेता’ के रूप में प्रशंसा की और यहां एक सम्मेलन में हिंदी में नरेंद्र मोदी का चुनावी नारा ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का जिक्र किया।

    पोम्पियो ने बुधवार को वाशिंगटन में अमेरिका-भारत व्यापार परिषद के इंडिया आइडियाज समिट में अपने मुख्य भाषण के दौरान यह टिप्पणी की।

    विदेश मंत्री इस महीने के अंत में नई दिल्ली का दौरा करने वाले हैं। उन्होंने कहा, “मैं यह जानने को उत्सुक हूं कि हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच क्या संभव है।”

    मुक्त उद्यम और मुक्त व्यापार का जिक्र करते हुए पोम्पियो ने ‘अद्वितीय रणनीतिक चुनौतियों’ को पहचानने वाले ‘सच्चे बराबरी, वर्चस्व के नहीं’ के रिश्ते के माध्यम से दोनों देशों के बीच सहयोग को गहरा करने का आह्वान किया है।

    उन्होंने कहा, “हमें उस रणनीतिक ढांचे को अपनाना चाहिए जो हमारे दोनों देशों के लिए काम करता है।”

    पोम्पियो ने कहा, “हमारे दोनों देशों के पास हमारे दोनों लोगों, हिंद-प्रशांत क्षेत्र और वास्तव में पूरी दुनिया की भलाई के लिए एक साथ आगे बढ़ने का एक अनूठा अवसर है।”

    भारत के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक एजेंडे को रेखांकित करते हुए पोम्पियो ने कहा कि हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम आर्थिक खुलेपन को बनाए रखें।

    पोम्पियो ने भारत और प्रशांत क्षेत्र में समानता और सहयोग पर जोर देने के साथ दोनों देशों के बीच अतीत और वर्तमान के बीच मतभेदों पर भी चर्चा की, जहां दोनों राष्ट्र रणनीतिक चिंताओं को साझा करते हैं।

    उन्होंने कहा, “मुझे यकीन है कि हम कुछ कठिन विषयों पर भी ध्यान देंगे।”

    कुछ भारतीय निर्यातों को तरजीह देने वाले ‘जनरल स्कीम ऑफ प्रेफरेंसेज ‘(जीएसपी) को ट्रंप ने पिछले महीने समाप्त कर दिया था, जिन्होंने यह आरोप लगाया कि यह अपने बाजारों के लिए अमेरिका के लिए ‘न्यायसंगत और उचित पहुंच’ प्रदान करने में विफल रही।

    यह कई व्यापार, टैरिफ और रक्षा मुद्दों में से एक है जहां दोनों देशों के बीच मतभेद हैं और पोम्पियो ने भारत के लिए विकल्पों की पेशकश की है जो अमेरिका को भी लाभान्वित करेगा।

    पिछले महीने, अमेरिका ने भारत को ईरान से तेल खरीदने के लिए दी गई छूट को रद्द कर दिया था और पोम्पियो ने सुझाव दिया था, “ऊर्जा पर हम वेस्टिंगहाउस नागरिक परमाणु परियोजना को पूरा करना चाहते हैं, और अधिक एलएनजी (तरल प्राकृतिक गैस) और कच्चे तेल वितरित करना चाहते हैं।”

    उन्होंने कहा, “ये कदम भारतीयों को विश्वसनीय, सस्ती, विविधतापूर्ण ऊर्जा स्वतंत्रता प्रदान करेंगे, ताकि उन्हें अब वेनेजुएला और ईरान में उन जैसे संकटपूर्ण शासन पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।”

    रक्षा मामलों में, एस -400 रूसी मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए भारत को अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर सकता है।

    उन्होंने कहा कि नासा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ ‘दुनिया के सबसे उन्नत पृथ्वी-अवलोकन उपग्रह’ और भारत के दूसरे चंद्र मिशन पर काम कर रहा था और पूछा, ‘यह कितना अच्छा है?’

    पोम्पियो के साथ सेशन से पहले अमेरिका-भारत व्यापार परिषद सममेलन में इसकी अध्यक्ष निशा बिसवाल ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को संगठन के ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *