अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ की अगले हफ्ते की भारत यात्रा भारत और अमेरिका के राजनीतिक नेतृत्व की मुलाकात को बढ़ावा देगी। भारत ने विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यह बयान दिया था।
25 से 27 जून तक की यात्रा के दौरान वह एक प्रमुख सार्वजानिक भाषण देंगे, भारतीय युवाओं की अगली पीढ़ी को सम्बोधित करेंगे और मुश्किल मामलो जैसे आईटी कर्मचारियों के लिए एच-1 वीजा और डाटा स्थानीयकरण भारतीय योजना पर बातचीत करेंगे।”
माइक पोम्पिओ की यात्रा में शामिल अधिकारीयों ने बताया कि “अमेरिकी राज्य सचिव और विदेश मंत्री एस जयशंकर का प्राथमिक फोकस मोदी-ट्रम्प की जी 20 सम्मेलन के इतर मुलाकात पर होगा। यह समारोह जापान के ओसाका में 28-29 जून को आयोजित होगा।
नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे से मुलाकात कर सकते हैं। भारत-अमेरिका-जापान त्रिकोणीय समूह इंडो-पैसिफिक रणनीति पर चर्चा करेंगे। अधिकारीयों ने कहा कि “मुश्किल मामले जैसे व्यापार, 5-जी कम्युनिकेशन, और भारत द्वारा रूस के एस-400 मिसाइल रोधी प्रणाली को खरीदने पर बातचीत होगी। बातचीत के दौरान पर्याप्त वक्त लिया जायेगा।”
डाटा स्थानीयकरण की अमेरिकी चिंता के आलावा एच-1 बी वीजा पर भी संभावित बातचीत की जाएगी। माइक पोम्पिओ सकते हैं कि अगर भारत एस-400 समझौते के साथ आगे बढ़ता है तो वांशिगटन के लिए उच्च तकनीक के हार्डवेयर को ऑफर करना मुश्किल हो जायेगा। इसमें एफ-35 एयरक्राफ्ट भी शामिल है।
विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि “ऐसे कुछ मामले हैं जो हर वक्त बातचीत के लिए टेबल पर होंगे। संबंधों की दिशा बेहद सकारात्मक है।” उन्होंने रेखांकित किया कि “द्विपक्षीय व्यापार बीते कई सालो में बढ़ा है और करीब 150 अरब डॉलर पर पंहुचा है।
अधिकारी ने बताया कि “अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर भारत को आईटी पेशेवरों के लिए एच-1 बी वीजा प्लान योजना के बाबत सूचित नहीं किया है।” मोदी-ट्रम्प की द्विपक्षीय बैठक के दौरान ईरान पर प्रतिबंधों के मुद्दे को उठाया जा सकता है। भारत ऊर्जा सुरक्षा पर अपनी चिंताओं का इजहार माइक पोम्पिओ की यात्रा के दौरान करेगा।”