भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मन की बात के 41वें संस्करण में कहा कि आज देश महिलाओं के नेतृत्व में विकास के लिए आगे बढ़ रहा है। महिला सशक्तीकरण की बात करते हुए मोदी ने कहा कि नए भारत के निर्माण में महिलाओं को समान साझीदार होना चाहिए। स्वामी विवेकानंद के शब्दों को स्मरण करते हुए मोदी ने कहा कि सही स्त्रीत्व का विचार पूर्ण स्वतंत्रता है।
करीब 125 साल पहले स्वामी जी के इस विचार ने भारतीय संस्कृति में महिला शक्ति का चिंतन किया। आज हमारा कर्तव्य है कि हम जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करे। देश मे सामाजिक, आर्थिक जीवन में महिलाओं को समानता प्रदान करना हमारा मूलभूत कर्तव्य है। महिला की शक्ति ने आंतरिक आत्मविश्वास की वजह से उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है।
मन की बात में मोदी ने कहा कि महिलाओं ने न केवल खुद को उन्नत किया है बल्कि देश और समाज को नई ऊंचाइयों पर आगे बढ़ाया है। आज देश महिला विकास के रास्ते से आगे बढ़ रहा है और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को आगे बढ़ा रहा है।
8 मार्च को हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं की वजह से ही पुरूषों को पहचान मिली है। जैसे- यशोदा-नंदन, कौशल्या-नंदन, गांधारी-पुत्र।
महिलाओं के अधिकारों के अलावा मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस और स्वच्छ ऊर्जा जैसे मुद्दों के बारे में भी चर्चा की। मोदी ने अफसोस जताया कि जब लोग सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर हस्ताक्षर किए गए संकेत बोर्ड पढ़ते है तो वो उसे नजरअंदाज कर देते है।
प्राकृतिक आपदाओं को छोड़ दे तो ज्यादातर दुर्घटनाएं किसी गलती का परिणाम होती है। मोदी के मुताबिक भारत को “जोखिम-जागरूक” समाज बनना होगा। साथ ही देश में गोबर धन योजना का भी उल्लेख किया।