तालिबान के आने से अफगानिस्तान में शुरू से ही औरतों की आज़ादी को लेकर एक बहस छिड़ी हुई थी। उस बहस की अंगारी को हवा देते हुए अब तालिबान एक नए नियम के साथ आया है जिससे औरतों की आज़ादी पर एक विराम चिन्ह लग सकता है। एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार विमानन अधिकारियों को तालिबान ने आदेश दिया है कि वे महिलाओं को फ्लाइट में चढ़ने से रोकें यदि उनके साथ कोई पुरुष रिश्तेदार नहीं है तो।
महिलाओं पर नवीनतम प्रतिबंध बुधवार को सभी बालिका माध्यमिक विद्यालयों को बंद करने के बाद आया है। अगस्त में तालिबान द्वारा सत्ता हथियाने के बाद पहली बार स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति दी गई थी।
अफगानिस्तान की Ariana Afghan airline और Kam Air के दो अधिकारियों ने AFPको बताया कि तालिबान ने उन्हें आदेश दिया था कि वे अकेले यात्रा कर रही हैं तो महिलाओं को प्लेन बोर्ड ना करने दें ।
अधिकारियों ने एएफपी को बताया (इस शर्त पर कि नामों का खुलासा नहीं किया जाएगा) कि तालिबान के प्रतिनिधियों, दो एयरलाइंस और हवाई अड्डे के आव्रजन अधिकारियों के बीच गुरुवार को एक बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है।
तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से, महिलाओं की स्वतंत्रता पर कई सीमाएं फिर से खींची जा रही हैं , जो अक्सर, स्थानीय स्तर पर Ministry of Virtue Promotion and Vice Prevention में क्षेत्रीय अधिकारियों की इच्छा पर होता है ।
मंत्रालय का कहना है कि उसने महिलाओं के अकेले उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किया है।
लेकिन तालिबान के साथ बैठक के बाद एरियाना अफगान के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा एयरलाइन कर्मचारियों को जारी एक पत्र, जिसकी एक प्रति एएफपी द्वारा प्राप्त की गई थी, ने नए नियम की पुष्टि की।
पत्र में लिखा है, “किसी भी महिला को पुरुष रिश्तेदार के बिना किसी भी घरेलू या अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में उड़ान भरने की अनुमति नहीं है।”
ट्रैवल एजेंटों ने महिला यात्रियों को हवाई टिकट देना बंद कर दिया है, इसके अलावा, एएफपी द्वारा संपर्क किए गए एक यात्री के अनुसार, शुक्रवार को महिला यात्रियों को हवाई जहाज में चढ़ने की अनुमति नहीं थी, जब यह नया नियम लागू हुआ।
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एक अन्य सूत्र ने कहा कि अमेरिकी पासपोर्ट वाली एक अफगान महिला को भी शुक्रवार को दुबई जाने वाली फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया गया।
तालिबान ने पहले ही अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं के लिए अंतर-शहर सड़क यात्राओं पर प्रतिबंध लगा रखा है, अब तक वे उड़ानें लेने के लिए स्वतंत्र थीं परन्तु अब उस पर भी अंकुश लगा दिया गया है ।
तालिबान ने महिलाओं को अधिकांश सरकारी नौकरियों और माध्यमिक स्कूल शिक्षा से बाहर कर दिया गया है और साथ ही कुरान की सख्त व्याख्या के अनुसार कपड़े पहनने का आदेश दिया गया है।
स्कूलों के फिर से खुलने के बाद बुधवार को हजारों लड़कियां कक्षाओं में लौटी, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें स्कूल शुरू होने के कुछ ही घंटों के भीतर घर भेज दिया, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश फैल गया।
अधिकारियों ने अभी तक इसका स्पष्ट कारण नहीं बताया है।
मलाला ने ट्वीट कर कहा : “मुझे आज के लिए एक आशा थी कि स्कूल जाने वाली अफगान लड़कियों को घर वापस नहीं भेजा जाएगा। लेकिन तालिबान ने अपना वादा नहीं निभाया। वे लड़कियों को सीखने से रोकने के बहाने ढूंढते रहेंगे – क्योंकि उन्हें शिक्षित लड़कियों और सशक्त महिलाओं से डर लगता है।” (हिंदी अनुवाद )
I had one hope for today: that Afghan girls walking to school would not be sent back home. But the Taliban did not keep their promise. They will keep finding excuses to stop girls from learning – because they are afraid of educated girls and empowered women. #LetAfghanGirlsLearn
— Malala (@Malala) March 23, 2022
यलदा हाकिम जी कि बीबीसी के लिए काम करतीं है, उन्होंने एक लड़की कि दास्ताँ ट्वीट की, उन्होंने कहा: “माँ, उन्होंने मुझे मेरे स्कूल में प्रवेश नहीं करने दिया। वे कह रहे हैं कि लड़कियों को अनुमति नहीं है” लाखों अफगान लड़कियों के लिए उम्मीदें और सपने एक बार फिर टूट गए और तालिबान के निरंतर प्रतिबंध से तबाह हो गए। (हिंदी अनुवाद )
“Mum, they didn’t let me enter my school. They’re saying girls aren’t allowed” Hopes and dreams shattered once again for millions of Afghan girls left in tears and devastated by the continued Taliban ban pic.twitter.com/ysNj79zfjE
— Yalda Hakim (@BBCYaldaHakim) March 23, 2022