देश में इन दिनों अपने अपने चाहते आदर्शों और महापुरुषों की प्रतिमा लगाने की होड़ मची है। गुजरात में सरदार पटेल की प्रतिमा बन जाने और आयुष्य में भगवान राम की प्रतिमा लगाए जाने की घोषणा के बाद अब महाराष्ट्र में शिवाजी की प्रतिमा पर रार मचा हुआ है।
शिवसेना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाया है कि मोदी और अमित शाह के दवाब में महाराष्ट्र में बन रहे शिवाजी की प्रतिमा की ऊंचाई कम की जा रही है ताकि नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट स्टैचू ऑफ़ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा बनी रहे।
सोमवार को शिवसेना से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कहा वो घोषणा करें कि मुंबई में सागर किनारे प्रस्तावित छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा सबसे ऊँची प्रतिमा होगी। उन्हें प्रधानमंत्री मोदी या भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से डरने की जरूरत नहीं है।
शिवसेना ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने दावा किया है कि स्टैचू ऑफ़ यूनिटी को दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा बनाये रखने के लिए शिवाजी की प्रस्तावित प्रतिमा की ऊंचाई कम की जा रही है।
शिवसेना ने कहा कि सरदार पटेल की प्रतिमा को ऊंचा दिखाने के लिए शिवाजी की प्रतिमा की ऊंचाई कम करना घटिया और संकीर्ण मानसिकता का प्रदर्शन है।
शिवसेना ने फडणवीस को इतिहास की याद दिलाते हुए कहा कि नेहरू सरकार में वित्तमंत्री चिंतामनराव देशमुख ने मुंबई को महाराष्ट्र मे बनाए रखने के लिए अपना इस्तीफा तक दे दिया था। वो थी मराठी अस्मिता के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा।
एक आरटीआई के जवाब में महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि खर्चे को कम करने के लिए शिवाजी की प्रस्तावित प्रतिमा की ऊंचाई कम की जा रही है।
शिवाजी की प्रस्तावित प्रतिमा की ऊंचाई 83.2 मीटर से घटा कर 75.7 मीटर कर दी गई है। सिर्फ प्रतिमा की ऊंचाई 121.2 मीटर होगी जबकि पेड़ेस्टल के साथ प्रतिमा की कुल ऊंचाई 212 मीटर होगी। प्रतिमा की ऊंचाई 7 मीटर कम की गई है जबकि तलवार की ऊंचाई 38 मीटर को बढ़ा कर 45.5 मीटर कर दी गई है ।