महाराष्ट्र विधानसभा ने आज शिक्षा और नौकरी में आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े मराठा समुदाय को 16 फीसदी आरक्षण देने वाले बिल को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने विधानसभा में आरक्षण बिल प्रस्तुत किया और बिल के पास हो जाने पर विपक्षी सदस्यों को धन्यवाद दिया।
ये बिल सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े घोषित हो चुके मराठा समुदाय को शिक्षण संस्थान और सरकारी नौकरी में आरक्षण प्रदान करेगा।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपने एक रिपोर्ट में मराठा समुदाय को आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ा मानते हुए राज्य सरकार से उनके लिए 16 फीसदी आरक्षण की सिफारिश की थी। आयोग के अनुसार समुदाय पिछड़ेपन के सभी 25 प्रतिमानों पर खड़ा उतरा था। अब मराठा समुदाय भी संविधान में आर्टिकल 15 (4) और 16 (4) के अनुसार रिजर्वेशन के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाओं और लाभ का हकदार हो गया है।
राज्य विधानसभा में इस बिल के पास हो जाने के साथ ही राज्य में कुल आरक्षण 68 फीसदी तक पहुँच गया।
राज्य की कुल आबादी में 30 फीसदी का प्रतिनिधित्व वाला मराठा समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर कई बार आन्दोलन किया। इस साल अगस्त महीने में उनका आन्दोलन काफी हिंसक हो गया था जब प्रदर्शनकारियों ने बसों और अंत वाहनों को आग के हवाले कर दिया था।
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