महाराष्ट्र की नवगठित उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द ही होने वाला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल होने की उम्मीद है। राज्य में कांग्रेस के पास कुल 44 विधायक हैं, जिनमें से 12 विधायकों को मंत्री पद मिलने हैं। कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं बालासाहब थोरात और नितिन राउत ने गुरुवार शाम ठाकरे के साथ शपथ ग्रहण कर लिया है, और अब 10 अन्य विधायकों को मंत्री पद दिया जाना है।
सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अधिकतर विधायक पहली बार चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं। इसके विपरीत कांग्रेस के पास वरिष्ठ नेताओं की कोई कमी नहीं है और इसके दोनों पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण भी मैदान में हैं। विधानसभा अध्यक्ष पद को भी कांग्रेस की ही पसंद कहा गया है। इस तरह से राकांपा प्रमुख पदों के लिए अपनी उम्मीदवारी को लेकर बहुत उत्साहित नहीं है।
कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर रखने के विकल्प पर विचार कर रही है, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी लेंगी। पार्टी गठबंधन सरकार के प्रस्तावित समन्वय और सलाहकार निकायों में अपने वरिष्ठ नेताओं को समायोजित करने के विकल्प को भी देख रही है।
एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस बीच पार्टी के विधायक महागठबंधन सरकार में एक पद पाने के लिए सही लॉबी से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, कांग्रेस हालांकि अपनी सूची को अंतिम रूप देने की जल्दी में नहीं है, लेकिन वह क्षेत्रीय आकांक्षा को पूरा करने के साथ ही एक जातिगत संतुलन भी बनाना चाहती है।