महाराष्ट्र के डेयरी किसानों द्वारा आज सरकार के खिलाफ आंदोलन का पहला दिन था। बता दे कि महाराष्ट्र के डेयरी किसानों द्वारा सरकार के खिलाफ दूध कि वाजिब कीमत ना मिलने के कारण दूध बंद आंदोलन की शुरुआत की।
उनके इस आंदोलन से महाराष्ट्र सरकार हिल गई एवं आंदोलन को रोकने के लिए आन्दोलनकर्त्ता के खिलाफ सख़्त कार्यवाही कर उन्हें हिरासत में लिआ। इस आंदोलन का भरपूर साथ आल इंडिया किसान सभा (AIKS) ने दिया जो इस लड़ाई को 3 महीने से लड़ रहा हैं।
इस आंदोलन कि शुरुआत तब होती हैं जब महाराष्ट्र के डेयरी किसान सरकार से अपील करते हैं कि उन्हें दूध का वाजिब मूल्य नहीं मिला रहा एवं उन्हें 5 रूपया लीटर कि बढ़ौतरी चाहिए एवं दूध से GST को हटाने कि मांग की पर सरकार ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया।
इसी के बाद राजू शेट्टी के स्वाभिमान शख्तारी संघटन (एसएसएस) के नेतृत्व में महाराष्ट्र डेयरी किसानों ने राज्य भर में दूध आपूर्ति को रोक दिया। भाजपा सरकार ने किसानों के लिए दूध कि खरीद मूल्य 27 रुपए तय की थी परन्तु किसानों को मात्र 17 – 15 रूपए लीटर का ही हिसाब मिल रहा हैं।
आल इंडिया किसान सभा के अध्यक्ष अजीत नवाले ने अपने इंटरव्यू में कहा कि ‘सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए कि डेयरी किसानों को कम से कम राज्य सरकार द्वारा निर्धारित खरीद मूल्य मिल जाए।
किसानों ने बताया कि उन्हें भी दूध कि इस तरह बर्बादी करना बिलकुल रास नहीं आ रहा पर वह सरकार कि वजह से विवश है सरकार उनकी मांगो पर ध्यान नहीं दे रही इसलिए वे आंदोलन द्वारा अपनी बात पहुँचाना कहते हैं।
देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि बातचीत के लिए हमारे दरवाज़े हमेशा खुले हैं। इस आंदोलन कि गूंज इतनी गहरी थी कि अमूल कंपनी भी इससे प्रभावित हुई।