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    सरकार से निराश किसान जान देने को मजबूर

    महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले से एक किसान के आत्महत्या करने की खबर आई है। परिवार का दावा है कि, किसान बैकों व लोगों के कर्ज तले दबा था। वह कर्ज चुकाने में असमर्थ था। मजबूरन उसने आत्महत्या कर ली।

    पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को इस घटना की पुष्टि की। पुलिस उपाधीक्षक सुदर्शन मुंधे ने कहा कि,” लक्ष्मणसिंह विट्ठलसिंह परदेशी (48) ने बृहस्पतिवार रात जिले के करजात तहसील में राजपूतवाड़ी गांव स्थित अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।

    मृतक के पुत्र राजेंद्र ने कहा कि,”उनके पिता ने शहर के को-ऑपरेटिव बैंक से कर्ज लिया था। वे इसे चुका नहीं पा रहे थे। मौजूदा स्थिति में फसल नष्ट होने और सूखा होने के कारण वे तनाव में थे। परदेशी के परिवार में उनकी पत्नी, बेटी और बेटा है।

    ज्ञात हो कि यह घटना पहली नहीं है। आए दिन इसी तरह देश के तमाम हिस्सों से किसानों के जान देने की खबरें आती रहती हैं। बीते एक साल में दो बार किसान महारैली का आयोजन कर चुके हैं। पहली रैली मार्च 2018 में और दूसरी अभी हाल फिलहाल में ही निकाली गई थी। पहली रैली में लगभग 35,000 किसानों ने नासिक से मुंबई तक एक भीषण मार्च किया था और महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनकी मांगों को स्वीकार किए जाने के बाद ही रैली रोकी गई थी।

    दूसरी रैली में भी लगभग 50 हजार किसानों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उनका आरोप था कि केंद्र सरकार व राज्य सरकार दोनों ने उनके साथ विश्वासघात किया है। इस महारैली का आयोजन माकपा व ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) ने किया था। हालांकि सरकार से आश्वासन पाकर आंदोलन को कुछ घंटों के बाद ही बंद कर दिया गया था।

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