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    राहुल बनाम पूनावाला

    कांग्रेस के लिए यह घडी घोर मुश्किल की घडी है। एक तरफ गुजरात विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने के कारण पार्टी के कई नेताओं ने वहां बवाल कर रखा है तो वहीं पार्टी के अन्य नेता भी बगावती सुर अपना रहे हैं।

    इस समय यूपी में भी चुनाव चल रहे है, लिहाजा पार्टी को इस समय संगठित होकर लड़ने की आवश्यकता है लेकिन पार्टी में राजनेताओं के बयानों को दखने पर लगता है कि कांग्रेस में माहौल ‘अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग’ वाला है।

    कांग्रेस के कार्यकर्ता कई मुद्दों पर पार्टी से खफा है। गुजरात में तो अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को टिकट ना मिलने की स्थिति में कई जगह पर विरोधस्वरूप कार्यकर्ताओं ने पार्टी के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन भी किए है।

    यहां तक तो फिर भी समझ आ रहा था क्यूंकि टिकट ना मिलने की स्थिति में अक्सर उम्मीदवार पार्टी के विरोधी हो जाते है लेकिन कांग्रेस पार्टी को जरा ध्यान से देखें, तो यह बात समझने में देर नहीं लगेगी की समूचे भारत पर शासन का ख्वाब देखने वाली कांग्रेस अंदर से खंडित हो चुकी है।

    अब ताजा मामले में महाराष्ट्र कांग्रेस सचिव शहजाद पूनावाला ने पार्टी के खिलाफ विरोधी बयान दिया है। उन्होने कहा है कि “कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रक्रिया करवाना मात्र दिखावा भर है क्यूंकि यह तय है कि इस पद पर राहुल ही बैठेंगे।”

    पूनावाला ने कहा कि समूची चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह सुनियोजित है। पूनावाला यही नहीं रुके उन्होने कहा कि “कांग्रेस में जी हुजूरी करने वालों को ही इस चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बनाया गया है, सच बोलने के बाद मुझ पर हमले भी हो सकते है लेकिन मैं जो कह रहा हूँ वो सच है और मेरे पास इस बात के प्रमाण है।”