Sat. Nov 23rd, 2024
    Mahabal Mishra

    नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस)| पश्चिमी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार महाबल मिश्रा का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशियों को क्षेत्र में वोट मांगने का कोई आधार नहीं है, बल्कि वे अपने-अपने नेताओं नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल के नाम पर वोट मांग रहे हैं।

    पूर्व सांसद महाबल मिश्रा ने कहा कि वह अपने काम के नाम पर वोट मांग रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2009 में जीत हासिल कर चुके मिश्रा ने कहा कि उन्होंने क्षेत्र में जो काम किया है, उसका हवाला देकर लोगों से वोट मांग रहे हैं।

    पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में उनका मुकाबला मौजूदा सांसद और भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा और ‘आप’ प्रत्याशी बलबीर सिंह जाखड़ से है। इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें मादीपुर, रजौरी गार्डन, हरि नगर, तिलक नगर, जनकपुरी, विकासपुरी, उत्तम नगर, द्वारका, मटियाला और नजफगढ़ शामिल हैं।

    मिश्रा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “वर्तमान सांसद प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के नाम पर वोट मांग रहे हैं। अगर वह क्षेत्र में कोई काम करवाते तो वह अपने काम के नाम पर वोट मांगते। वह अपने पांच साल के कार्यकाल में कभी लोगों से नहीं मिले। ‘आप’ उम्मीदवार केजरीवाल के नाम पर वोट मांग रहे हैं। इलाके में उनको कोई नहीं जानता है।”

    लोकसभा चुनाव 2014 में मिश्रा की हार के कारणों को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उस समय का परिदृश्य अलग था।

    उन्होंने कहा, “उस समय कांग्रेस के विरोध में हवा थी। लोगों ने नहीं पहचाना कि उम्मीदवार कौन है। प्रवेश वर्मा अपने पिता और नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव जीते थे। वह अपने काम के बल पर नहीं जीते थे।”

    उन्होंने कहा, “नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे मुद्दे हैं। मोदी लहर समाप्त हो चुकी है।”

    उन्होंने कहा, “मुझे किसी लहर का भय नहीं है।”

    66 वर्षी पूर्व सैनिक मिश्रा ने कहा, “लोग अब भाजपा उम्मीदवार से पूछ रहे हैं कि उन्होंने पांच साल में क्या काम किया है।”

    उन्होंने कहा, “लेकिन महाबल मिश्रा से कोई उनके काम को लेकर कुछ नहीं पूछ रहा है।”

    उन्होंने कहा, “वह (प्रवेश वर्मा) प्रधानमंत्री के नाम पर वोट मांग रहे हैं। वह हमेशा मेरे द्वारा करवाए गए काम का रिबन काटते हैं। फुर्सत के वक्त वह बैंडमिंटन खेलते हैं और फेसबुक पर समय बिताते हैं। वह कभी लोगों के पास जाकर उनकी जरूरतों के बारे में नहीं पूछते हैं।”

    इससे पहले कांग्रेस-आप के बीच सीटों को लेकर समझौते का मिश्रा ने विरोध किया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस बड़ी पार्टी है और इसे किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है।”

    मिश्रा ने ‘आप’ की दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पर उपहास करते हुए कहा कि पार्टी ने चार साल पहले दिल्ली में सरकार बनाई और उसके चार सांसद हैं। लेकिन उन्होंने संसद में कभी पूर्ण राज्य की बात नहीं की।

    उन्होंने कहा, “कानून में कोई भी बदलाव लाने के लिए 276 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है। लोगों को मालूम है कि इस तरह का वादा करना उनके साथ धोखा है।”

    उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून के अनुसार, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता है।

    भाजपा और आप ने यहां जाट उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। मिश्रा कहते हैं कि उन्होंने कभी जाति और धर्म के आधार पर राजनीति नहीं की है।

    चुनाव जीतने पर क्षेत्र में काम करने के बारे में पूछे गए सवाल पर मिश्रा ने कहा कि उनका सपना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी और दक्षिणी परिसर की तरह पश्चिमी दिल्ली परिसर भी हो।

    उन्होंने कहा, “सांसद के तौर पर मेरे कार्यकाल (2009-2014) के दौरान नजफगढ़ में निफ्ट कॉलेज परियोजना को मंजूरी प्रदान की गई, लेकिन भाजपा के सत्ता में आने पर इस दिशा में काम नहीं हुआ और नजफगढ़ में आज भी कोई कॉलेज नहीं है। इस बार मेरा इस पर पूरा जोर होगा।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *