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    mahanadi river in hindi

    महानदी का बेसिन छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्य से प्रमुख रूप से होते हुए झारखण्ड, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के छोटे छोटे हिस्सों से होते हुए बहती है। इसका क्षेत्रफल 1.4 लाख स्क्वायर किमी है। इसके उत्तर में मध्य भारत की पहाड़ियां हैं, दक्षिण में पूर्वी घाट हैं और पश्चिम में मैकाला श्रंखला है। महानदी की पूरी लम्बाई 900 किमी है।

    यह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पास दंडकारण्य में 442 m की ऊंचाई पर शुरू होता है। इस क्षेत्र में उपयोग के लिए महानदी में काफी पानी है जिससे बारिश के मौसम में काफी बाढ़ भी आता है। महानदी के मुहाने पर स्थित पूरी शहर हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है।

    महानदी और ऋषिकुल्य नदी के धाराओं के द्वारा चिलका झील का निर्माण होता है। महानदी के बेसिन का 55% क्षेत्र में कृषि का उत्पादन होता है। यह भारत के उन नदियों में से एक है जहां नियमित रूप से गाद (slit) जमा होता है। जब इसमें सेवनाथ नदी आकर मिलती है तो यह पश्चिम की ओर मुड़ जाता है और ओडिशा में प्रवेश करता है।

    सम्बलपुर में महानदी पर हीराकुड बांध स्थित है जो भारत का सबसे विशालतम बांध है, इस बांध के द्वारा 55 किमी लम्बा मानव निर्मित झील का निर्माण होता है। कटक के पास यह नदी ओडिशा के मैदानों में प्रवेश करती है और बहुत सारे प्रवाहों से होते हुए False Point के पास बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाता है।

    महानदी की सहायक नदियां (Tributaries of Mahanadi)

    महानदी का ऊपरी भाग तश्तरी के आकार वाले बेसिन में स्थित है जिसको छत्तीसगढ़ी मैदान कहा जाता है।

    यह बेसिन उत्तर, पश्चिमी और दक्षिणी भाग में पहाड़ी श्रृंखलाओं से घिरा हुआ है जिसके कारण इस हिस्से में महानदी की बहुत सारी सहायक नदियां आकर मिलती हैं।

    सेवनाथ, हसदेव, मांड और इब सहायक नदियां महानदी के बाएं हिस्से में आकर मिलती हैं। ओंग, तेल और जोंक नदियां महानदी के बाएं हिस्से में आकर मिलती हैं।

    महानदी की परियोजनाएं (Projects on Mahanadi River)

    महानदी का प्रमुख नहर और छत्तीसगढ़ का तांदुला जलाशय दो ऐसे परियोजनाएं हैं जो पूर्व योजना काल में पूरे किये गए। उसके बाद हीराकुड बांध, हसदेव बांगो बांध, महानदी डेल्टा परियोजना आदि का काम पूर्ण हुआ।

    महानदी के किनारे मौजूद उद्योग (Industries on the Banks of Mahanadi River)

    रायपुर, दुर्ग और कटक महानदी के किनारे स्थित प्रमुख शहरी क्षेत्र हैं। कुछ प्रमुख खनिज सनसाधनों और पर्याप्त मात्रा में बिजली के स्रोत की मौजूदगी के कारण महानदी के बेसिन में एक अच्छा औद्योगिक माहौल बनता है।

    इसके बेसिन में भिलाई लोहा और इस्पात प्लांट, हीराकुड और कोरबा का एल्युमीनियम प्लांट, कटक के पेपर मिल और सुंदरगढ़ के सीमेंट फैक्ट्री कुछ प्रमुख उत्पादन केंद्र स्थित हैं। दूसरे कई कृषि और चीनी के मिल भी स्थित हैं। इस क्षेत्र में कोयला, लोहा और मैंगनीज की खदानें मौजूद हैं।

    महानदी में आने वाले बाढ़ (Floods in the Areas of Mahanadi River)

    महानदी की धाराएं आवश्यकता से अधिक पानी की क्षमता नहीं उठा पाती हैं, इसके कारण महानदी के डेल्टा क्षेत्र में भयानक बाढ़ आता है।

    हालाँकि बहुउद्देशीय हीराकुड बांध पानी की कुछ मात्रा को संगृहीत करके रखती हैं, जिससे बाढ़ के समय थोड़ा लाभ मिलता है। लेकिन फिर भी यह परेशानी कभी कभी आपदा का रूप ले लेता है।

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