संयुक्त राष्ट्र की अध्यक्ष ने बताया कि महात्मा गाँधी के नाम से ही शांति, संयम और सहनशीलता का भाव उत्पन्न होते हैं। आधुनिक युग में विश्व हिंसा और चरमपंथ से जूझ रहा है। यूएन की अध्यक्ष गाँधी जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शरीक हुई थी। इसे अन्तराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र के सचिन एंतानियो गुतरेस महात्मा गाँधी की 150वीं सालगिरह में शामिल होने नई दिल्ली के दौरे पर हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर और दक्षिण कोरिया के मध्य शांति वार्ता सकारात्मक दिसा की ओर अग्रसर एक सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा यह सन्देश उन राष्ट्रों के लिए अब भी बेतुके हैं जो हथियार लेकर तैनात रहना जानते हैं।
उन्होंने कहा ऐसे राष्ट्रों को कार्य, समझौता, संयमता, माफ़ी, ढृढ़ता, दया भावना रखने की जरुरत है। उन्होंने सीरिया, यमन और मध्य अफ्रीका में उपजे विवाद का उदहारण दिया।
यूएन की अध्यक्ष ने कहा कि अपराध ने दुनिया को सकते में डाल रखा है। उन्होंने बताया कि इन विवादों और आपदाओं के कारण 124 मिलियन लोग भूख से तड़प रहे हैं, 140 मिलियन लोगो को मानवीय सहायता की आवश्यकता है साथ ही 30 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं। उन्होंने कहा वह बापू के बादलाव के विचारों का प्रचार करने के लिए अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के अध्यक्ष एडम स्टेनर ने कहा कि महात्मा गांधी के विचार हर किसी को स्वतंत्रता और समाज की आकांक्षाओं में दिखाई देते हैं।
अहिंसा के लिए विख्यात मेत्ता सेंटर के अध्यक्ष ने कहा कि वह दुनिया भर में एक साल तक अभियान चलाकर युवा पीढ़ी को अहिंसा के विचार को मुख्यधारा में लाने के प्रेरित करेंगे।
भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि नई दिल्ली में स्वच्छता और सौर ऊर्जा का विचार भी महात्मा गाँधी के सामाजिक विकास की विचारधारा से लिया गया है।