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महात्मा गाँधी

दक्षिण कोरिया के भारतीय राजनयिकों ने एक साइकिल रैली निकाली थी और कई साइकिल रैली में शामिल लोगो ने महात्मा गाँधी के सत्याग्रह और अहिंसा के विचारों को प्रति जागरूकता फैलाई थी। इसका मकसद गाँधी जी की 150 वीं सालगिरह का जश्न मनाना है।

रैली में सत्य और अहिंसा का हुआ प्रचार

जोहेन्सबर्ग में भारतीय वाणिज्य दूतावास के उच्चायुक्त केजे श्रीनिवास के साथ इस समारोह के सह आयोजक गाँधी वाक कमिटी ने किया था। यह संगठन प्रत्येक वर्ष इसका आयोजन करता है। रविवार को भारतीय राजनयिकों का सहयोग कई साइकिल चालको ने किया है।

यह सफ़र भारतीय बस्ती दक्षिणी शहर लेनाशिया से होकर गुजरा था, यह महात्मा गाँधी की इस वर्ष 150 वीं सालगिरह के समारोह में आयोजित हुई थी। श्रीनिवास ने कहा कि “इसका मकसद गाँधी के विचारों सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह का प्रचार करना है।”

इस आयोजन के अवसर पर श्रीनिवास ने अपने पद के छोड़ने और गुएना के राजदूत के तौर पर नई पद को ग्रहण करने का भी ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि “जैसा कि हम हमेशा कहते हैं , भारत ने दक्षिण अफ्रीका में एक वकील भेजा था और वापस एक महात्मा गाँधी आये थे, इसलिए यह एक कर्मभूमि है।”

उन्होंने कहा कि “किसी अन्य के साथ साझेदारी का कोई सवाल नहीं है लेकिन गाँधी वाक कमिटी के प्रोजेक्ट के साथ हम कई वर्षों से साथ है। इस समिति ने बीते 34 वर्षों से इस समारोह का बेहतरीन समन्वय किया है। इस समारोह में भारत के नए उच्चायुक्त जयदीप सरकार का भी स्वागत किया था।

सरकार ने कहा कि “सभी के साथ गाँधी जी ने दोनों देशों की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया था, इसमें असहयोग आन्दोलन और सत्याग्रह भी शुमार था। आज का साइकिल का कार्यक्रम इस विचार का प्रचार करना है कि न सिर्फ खुद को स्वस्थ रखे बल्कि पर्यावरण को बेहतर करने में योगदान दे।”

सरकार ने कहा कि “सभी तबके के लोगो और उम्र के नागरिकों के इस समारोह में शामिल होने से बेहद खुश हूँ और भविष्य में इसके बढ़ने की कामना करता हूँ।” व्हीलचेयर से महगी साइकिल तक में लोगो ने लेनासिया की गलियों में तीन किलोमीटर का सफ़र तय किया था और इसके बाद गाँधी हॉल में वापसी हुई थी।

गाँधी वाक कमिटी के चेयरमैन अमित प्रभुचरण ने कहा कि “यह कोई दौड़ नहीं थी बल्कि गाँधी जी की 150 वीं सालगिरह को स्मरण करते हुए एक मजेदार समारोह था।”

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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