आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के 2019 में मोदी विरोधी दलों को एक मंच पर लाने की कवायद को उस समय बड़ा झटका लगा जब 22 नवम्बर को प्रस्तावित विपक्षी पार्टियों की मीटिंग टल गई।
पिछले एक महीने से नायडू देश भर का दौरा कर सभी विपक्षी पार्टियों को 2019 में मोदी के खिलाफ एक साथ लाने की कोशिशें कर रहे थे। इसी क्रम में आज उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद नायडू ने घोषणा की कि मीटिंग टल गई है।
22 नवम्बर का दिन इसलिए तय किया गया था ताकि 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले जनता के सामने भाजपा का एक विकल्प रखा जा सके। मोदी विरोधी मोर्चे में आम आदमी पार्टी, एनसीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, डीएमके जैसे दलों के शामिल होने का अनुमान था।
पिछले हफ्ते समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी द्वारा कांग्रेस की आलोचना के बाद ये अर्थ निकाला गया था शायद ये दोनों पार्टियां कांग्रेस के साथ खड़े होने से हिचकिचा रही है। इसके अलावा ममता बनर्जी ने भी मीटिंग के टाइमिंग पर सवाल उठाये। सीपीआई नेता सीताराम येचुरी पहले ही प्रधानमंत्री पद पर राहुल की दावेदारी को खारिज कर दिया था जिसके बाद इस मकहागठबन्धन की एकता पर सवाल उठने शुरू हो गए थे।