बिहार में उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के एनडीए से बाहर हो कर यूपीए में शामिल होने पर यूपीए कि सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने एनडीए में मचे घमासान पर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि भाजपा के सहयोगी केंद्र सरकार के वादे पुरे नहीं करने और भाजपा नेताओं के घमंड से परेशान है, इसलिए उन्हें एनडीए में रोकने के लिए भाजपा उनकी हर शर्त मान रही है।
उन्होंने कहा “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के घमंड के चलते देश भर में भाजपा के सहयोगी उसे छोड़ कर जा रहे हैं।”
तेजस्वी यादव, जो अपने पिता और पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में जेल भेजे जाने के बाद पार्टी की कमान संभाल रहे हैं, ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा का एनडीए से बाहर आना, भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग पर अपने सहयोगियों के आगे घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ और राजस्थान में भापा की हार से एक दिन पहले ही उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए से अलग हो गए।
रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने 10 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पर उनका अपमान करने का आरोप लगाते हुए एनडीए से नाता तोड़ लिया था।
“भाजपा ने 2014 में 22 सीटें जीती थीं और अब वह केवल 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जेडी (यू) ने केवल दो में जीत हासिल की थी लेकिन उसे 17 सीटें मिल रही हैं। इस तरह की व्यवस्था से पता चलता है कि एनडीए कितना आश्वस्त है। लेकिन मुझे वास्तव में खुशी है कि रामविलास पासवान जी ने राज्यसभा में एक सीट आरक्षित कर दी क्योंकि वह जानते हैं कि एनडीए बिहार में बहुत बुरी तरह से हारने वाला है।
तेजस्वी ने कहा कि “महागठबंधन केवल देश के बारे में सोच रहा है, प्रधानमंत्री कौन बनेगा इस बारे में नहीं। चुनाव के मुख्य मुद्दे किसानों की आत्महत्या, किसानों का लोन, युवाओं की बेरोजगारी, महिला सुरक्षा के मुद्दे पर ही लड़ा जाएगा।”